India VS England: विजय हजारे ट्रॉफी में विदर्भ टीम की कप्तानी करने वाले अनुभवी बल्लेबाज करुण नायर एक बार फिर अपने दमदार प्रदर्शन के कारण चर्चा में आ गए हैं। इस खिलाड़ी के शानदार प्रदर्शन को देखने के बाद व्यापक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं कि उसे टीम इंडिया में फिर से मौका मिलना चाहिए। पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह भी इस दौड़ में सबसे आगे हैं। उन्होंने बीसीसीआई पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि तत्कालीन चयनकर्ताओं को अभी भी नहीं पता कि भारत के दूसरे तिहरे शतक लगाने वाले बल्लेबाज को टीम से क्यों बाहर किया गया।
भज्जी ने घरेलू क्रिकेट में चमकते सितारे के लिए की 'बात'
हरभजन सिंह ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो के जरिए करुण नायर का मजाक उड़ाया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी टूर्नामेंट में असाधारण प्रदर्शन किया। उन्होंने छह पारियों में पांच बार नाबाद रहते हुए 664 रन बनाए। (सेमीफाइनल के बाद यह आंकड़ा 7 पारियों में 6 बार नाबाद 752 रन था) हैरानी की बात है कि इस प्रदर्शन के बावजूद उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया।
हरभजन सिंह ने रोहित और विराट का उदाहरण देते हुए पूछा कि घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन के आधार पर करुण नायर को टीम इंडिया में मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है? यह प्रश्न भी उपस्थिति में पूछा गया है। कुछ खिलाड़ियों का चयन दो मैचों में किया जाता है। कुछ लोगों को आईपीएल में उनके प्रदर्शन के आधार पर टीम इंडिया में प्रवेश दिया जाता है। तो फिर उनके (करुण नायर) लिए अलग नियम क्यों? रोहित शर्मा और विराट कोहली को घरेलू क्रिकेट खेलने की सलाह दी जा रही है क्योंकि वे फॉर्म में नहीं हैं। तो फिर घरेलू क्रिकेट में रन बनाने वालों को टीम इंडिया में मौका क्यों नहीं दिया जाता? भज्जी ने बीसीसीआई चयनकर्ताओं से यह सीधा सवाल पूछा है। करुण नायर ने 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में टीम इंडिया के लिए पदार्पण किया था। उन्होंने इस मैच में तिहरा शतक बनाया। लेकिन फिर तीन मैचों के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। हरभजन सिंह ने भी इस पुरानी कहानी को ताजा कर दिया है।
भज्जी ने कहा कि मुझे अभी भी समझ नहीं आया कि तिहरा शतक लगाने के बाद भी उन्हें टीम इंडिया से क्यों बाहर कर दिया गया। कोई भी उनके जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी के बारे में बात नहीं करता। वह इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया के साथ थे। लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं दिया गया।
--Advertisement--