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नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब खबर है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास एक बड़े बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने जा रहा है, जिसकी लागत लगभग 13.2 अरब डॉलर होगी। यह कदम भारत के लिए सुरक्षा और रणनीतिक दृष्टि से गंभीर चिंता का विषय माना जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट सीमा के नजदीक सड़कों, पुलों और सैन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने से जुड़ा है। चीन का दावा है कि यह निर्माण कार्य स्थानीय विकास के लिए है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इसका सीधा असर सीमा पर सैन्य संतुलन पर पड़ेगा।

भारतीय रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन की यह गतिविधि न केवल 2020 की गलवान झड़प के बाद बनी नाजुक स्थिति को और बिगाड़ सकती है, बल्कि आपसी विश्वास बहाली की कोशिशों पर भी पानी फेर सकती है। भारत का मानना है कि जब तक सीमा पर शांति और स्थिरता नहीं होगी, तब तक दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते।

विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि सीमा से जुड़े मुद्दों को कूटनीतिक और सैन्य स्तर की वार्ताओं के जरिए सुलझाया जाना चाहिए।

विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यदि चीन अपनी इस योजना को आगे बढ़ाता है, तो इससे न केवल सीमाई तनाव बढ़ेगा बल्कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र की भू-राजनीतिक स्थिति पर भी असर पड़ेगा। ऐसे में भारत के लिए सतर्क रहना और रणनीतिक तैयारी बढ़ाना अनिवार्य हो जाएगा।

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