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Up Kiran, Digital Desk: तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर को हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई थी। एक महीने बाद, टीवीके (तमिलगा वेत्री कझगम) प्रमुख विजय ने महाबलीपुरम के एक रिसॉर्ट में पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की। विजय और उनकी पार्टी ने करीब 50 कमरे बुक किए थे, जहाँ वे शोक संतप्त परिवारों से मिल रहे थे। पार्टी ने इन परिवारों को रिसॉर्ट तक लाने के लिए बसों का इंतजाम भी किया था।

विजय ने इस भयानक हादसे पर बार-बार अपनी शोक संवेदनाएँ व्यक्त की हैं। इसके अलावा, पार्टी ने उन परिवारों के लिए 20 लाख रुपये की मदद देने का ऐलान किया है, जिन्होंने इस घटना में अपने परिजनों को खो दिया। इसके अलावा, घायलों को 2 लाख रुपये देने का भी वादा किया गया है। टीवीके ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'X' पर जानकारी दी, "39 परिवारों को 20-20 लाख रुपये की राशि भेजी गई है, जिससे कुल मिलाकर 7.8 करोड़ रुपये की मदद की गई है।"

करूर भगदड़ और टीवीके पर सवाल:

हालाँकि, इस घटनाक्रम के बाद टीवीके पर कई सवाल उठे हैं। करूर में हुई भगदड़ का आयोजन जिस तरीके से किया गया, उसे लेकर आलोचनाएँ की जा रही हैं। इस घटना के बाद पार्टी के दो पदाधिकारियों वीपी मथियाझगन और मासी पौनराज को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में करूर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी।

टीवीके के वकील श्रीनिवासन ने इस संबंध में बयान देते हुए कहा, "कानूनी तौर पर, पुलिस रिमांड बढ़ाने की मांग नहीं कर सकती, क्योंकि मामले की जाँच सीबीआई को सौंप दी गई है, और यही रिमांड बढ़ाने का अनुरोध कर सकती है।"

सीबीआई की जाँच पर अपडेट:

इस बीच, सीबीआई ने करूर भगदड़ की घटना की जाँच अपने हाथ में ले ली है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उठाया गया, जिसमें कहा गया कि इस घटना ने राष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है और इसकी निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की थी, "आपराधिक न्याय प्रणाली में जांच की प्रक्रिया में आम जनता का विश्वास और भरोसा बहाल करना आवश्यक है, और इसे सुनिश्चित करने का एक तरीका यह है कि वर्तमान मामले की जाँच पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र हो।"