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Up Kiran , Digital Desk:भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान को उसकी नापाक हरकतों का कड़ा सबक सिखाया है। पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारत ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे आतंक के अड्डों पर बौखलाए पाकिस्तान ने बीती रात भारत के 15 शहरों पर हमला करने की असफल कोशिश की। हालांकि, पहले से ही सतर्क भारतीय रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के इन सभी हमलों को नाकाम कर दिया। पाकिस्तान की इस कायरतापूर्ण कार्रवाई के जवाब में, भारतीय सेना ने आज सुबह पाकिस्तान के भीतर कई स्थानों पर उसके वायु रक्षा रडार और प्रणालियों को निशाना बनाया। भारत ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई पाकिस्तान की आक्रामकता के जवाब में उसी क्षेत्र और उसी तीव्रता से की गई है। पाकिस्तानी सेना ने भी यह स्वीकार किया है कि भारत ने जवाबी कार्रवाई में ड्रोन का इस्तेमाल किया है।

यहाँ यह समझना महत्वपूर्ण है कि भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए केवल आतंकी कैंपों को निशाना बनाया, जबकि पाकिस्तान भारतीय सेना और नागरिकों पर हमले कर रहा है। भारत की कार्रवाई पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने झूठ बोलते हुए दावा किया कि आतंकी ठिकानों पर नहीं, बल्कि नागरिक क्षेत्रों में हमला हुआ है। इस झूठ का पर्दाफाश करने के लिए आज विदेश मंत्रालय और सेना की एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान को बेनकाब किया।

पाकिस्तान के एक-एक झूठ का भारत ने किया पर्दाफाश:

नागरिकों पर हमले का झूठ:
विक्रम मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान 7 मई को नागरिकों पर हमले का आरोप लगा रहा है, जबकि भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि केवल आतंकी ठिकाने ही निशाने पर थे। उन्होंने सबूत पेश करते हुए कहा, "आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना के लोग दिखे। अगर आम नागरिक मारे गए होते, तो उनके अंतिम संस्कार होते।" उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई कि पाकिस्तान में मारे गए आतंकवादियों के ताबूतों को राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा जा रहा है और उन्हें राजकीय सम्मान दिया जा रहा है, और उनके अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी शामिल हो रहे हैं।

जांच की पेशकश का नाटक:
पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मीडिया के सामने यह दिखावा कर रहा है कि वह पहलगाम हमले की जांच के लिए तैयार था, लेकिन भारत ने पहले हमला कर दिया। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तराड़ ने कहा था कि भारत के पास पाकिस्तान के शामिल होने का कोई सबूत नहीं है और वे संयुक्त राष्ट्र या ब्रिटेन जैसे देशों को जांच में शामिल करने को भी तैयार थे। विदेश सचिव ने इस दावे को खोखला बताते हुए याद दिलाया कि खुद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कुछ हफ्ते पहले स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने दशकों तक आतंकी गुटों को समर्थन, फंडिंग और प्रशिक्षण दिया है।

UNSC में आतंकी संगठन का बचाव:
पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली थी। विदेश सचिव ने बताया कि आश्चर्यजनक रूप से, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की समिति में पहलगाम हमले पर बयान जारी करने की बात आई, तो पाकिस्तान ने TRF का नाम शामिल करने का विरोध किया।

हमले की जिम्मेदारी लेने वाले TRF पर कोई कार्रवाई नहीं:
एक तरफ पाकिस्तान भारत के हमलों से खौफजदा होने का नाटक कर रहा है और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ युद्ध से बचने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अपने ही देश में आतंकी संगठनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। TRF द्वारा हमले की जिम्मेदारी लेने के बावजूद पाकिस्तान ने उसका बचाव किया। विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को नपा-तुला जवाब दिया है और केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है, क्योंकि भारत तनाव बढ़ाना नहीं चाहता।

आतंकियों के बचाव का पुराना इतिहास:
विक्रम मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और पूर्व विदेश मंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि आतंकी संगठनों के साथ उनके कैसे संबंध रहे हैं। पाकिस्तान की छवि आतंक समर्थक की है। उन्होंने कहा, "हम सभी को पाकिस्तान का इतिहास पता है। हमने पहले भी मुंबई, पुलवामा, पठानकोट जैसे आतंकी हमलों की जांच के सारे सबूत दिए थे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। पाकिस्तान ने हमेशा आतंकियों का बचाव किया है।"

प्रतिबंधित आतंकवादियों का पनाहगाह:
विदेश सचिव ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की वैश्विक आतंकवाद के केंद्र के रूप में प्रतिष्ठा कई उदाहरणों से साबित होती है। उन्होंने याद दिलाया, "मुझे यह याद दिलाने की जरूरत नहीं है कि ओसामा बिन लादेन कहां पाया गया था और किसने उसे शहीद कहा था। पाकिस्तान बड़ी संख्या में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों और कई देशों द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों का भी घर है।"

प्रोपेगेंडा और झूठा प्रचार:
विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत ने तनाव नहीं बढ़ाया, बल्कि जवाब दिया है। उन्होंने सिंधु जल संधि का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत ने छह दशकों तक इसका सम्मान किया है, जबकि पाकिस्तान हर समझौते की राह में रोड़ा बनता रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान अपनी हर हिमाकत के लिए खुद जिम्मेदार होगा और वह लगातार प्रोपेगेंडा फैला रहा है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के जन्म लेते ही झूठ शुरू हो गया था। संयुक्त राष्ट्र से भी पाकिस्तान ने झूठ बोला, बाद में उसको मुंह की खानी पड़ी।”

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