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Up Kiran, Digital Desk: भारत के समुद्री पर्यावरण और संवेदनशील समुद्री इकोसिस्टम को बचाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। भारतीय तट रक्षक (Indian Coast Guard - ICG) को एक नया, अत्याधुनिक 'प्रदूषण नियंत्रण जहाज' मिला है। यह जहाज भारत के विशाल तटरेखा और समुद्री क्षेत्रों में किसी भी तेल रिसाव या अन्य समुद्री प्रदूषण की घटना से निपटने की ICG की क्षमता को काफी बढ़ा देगा।

क्यों महत्वपूर्ण है यह जहाज?

तेजी से प्रतिक्रिया: यह नया पोत समुद्री प्रदूषण की घटनाओं पर तेजी से प्रतिक्रिया करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह तेल रिसाव को तुरंत नियंत्रित करने, साफ करने और पर्यावरणीय क्षति को कम करने में सक्षम है।

अत्याधुनिक तकनीक: जहाज आधुनिक प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों, सेंसरों और संचार प्रणालियों से लैस है। इसमें तेल स्किमर्स, बूम्स, और रासायनिक स्प्रे सिस्टम जैसी सुविधाएं हैं, जो विभिन्न प्रकार के प्रदूषकों से निपटने में मदद करती हैं।

समुद्री जीवन की सुरक्षा: समुद्री प्रदूषण, विशेष रूप से तेल रिसाव, समुद्री जीवन, प्रवाल भित्तियों और तटीय इकोसिस्टम के लिए बेहद हानिकारक होता है। यह जहाज ऐसे खतरों से समुद्री जीवों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: यह भारत को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया प्रयासों में भी अधिक प्रभावी ढंग से भाग लेने में सक्षम बनाएगा।

पर्यावरण सुरक्षा पर जोर: इस जहाज का बेड़े में शामिल होना भारत की समुद्री पर्यावरण सुरक्षा और सतत विकास के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारतीय तट रक्षक लगातार भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने और समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह नया प्रदूषण नियंत्रण जहाज उनके बेड़े में एक शक्तिशाली इजाफा है, जो भारत को अपनी समुद्री सीमाओं को सुरक्षित रखने के साथ-साथ अपने बहुमूल्य समुद्री पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने में भी मदद करेगा। यह भारत की 'ब्लू इकोनॉमी' और समुद्री संपदा के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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