
Up Kiran, Digital Desk: भारत के चीनी उद्योग के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। क्रिसिल रेटिंग्स (CRISIL Ratings) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 के अक्टूबर-सितंबर सीजन में देश का चीनी उत्पादन 15% बढ़कर लगभग 35 मिलियन टन (Mt) तक पहुंचने की उम्मीद है। यह वृद्धि मुख्य रूप से अनुकूल मॉनसून की भविष्यवाणी के कारण संभव होगी।
रिपोर्ट बताती है कि अच्छे मॉनसून के कारण गन्ने की खेती के रकबे में वृद्धि होगी और प्रति एकड़ उपज भी बेहतर होगी। इससे चीनी मिलों को पर्याप्त मात्रा में गन्ना मिल पाएगा, जिससे उत्पादन में सुधार होगा।
पिछली स्थिति और अब का अनुमान:
2023-24 के सीजन में भारत का चीनी उत्पादन 30.5 मिलियन टन रहा था, जो कि अल नीनो के प्रभाव और अनियमित मॉनसून के कारण कम था। महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में पानी की कमी और बारिश की असमानता ने उत्पादन को प्रभावित किया था। हालांकि, उत्तर प्रदेश में उत्पादन स्थिर रहा था।
आने वाले सीजन के लिए आशा:
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 2024 के लिए एक सामान्य मॉनसून का पूर्वानुमान लगाया है, जो कृषि क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है। क्रिसिल का अनुमान है कि इससे गन्ने की खेती का रकबा 6-7% तक बढ़ जाएगा।
इसके अलावा, सरकार द्वारा एथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी के डायवर्जन को लेकर लिए गए विवेकपूर्ण निर्णयों से भी चीनी की उपलब्धता बढ़ेगी। क्रिसिल को उम्मीद है कि 2024-25 में एथेनॉल के लिए चीनी का डायवर्जन लगभग 4.5-5 मिलियन टन होगा, जो पहले अनुमानित 6.5 मिलियन टन से कम है। इससे घरेलू खपत के लिए अधिक चीनी उपलब्ध रहेगी।
निर्यात और स्टॉक पर प्रभाव:
बढ़े हुए उत्पादन के कारण, क्रिसिल का अनुमान है कि भारत 2024-25 में चीनी का निर्यात फिर से शुरू कर पाएगा। सितंबर 2025 तक चीनी का स्टॉक भी बढ़कर 11-12 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है, जो कि 2023-24 के अंत में 7.5 मिलियन टन था। यह देश की घरेलू खपत, जो सालाना लगभग 28.5 मिलियन टन है, को पूरा करने के लिए पर्याप्त से अधिक होगा।
उत्पादन में यह वृद्धि न केवल किसानों के लिए लाभकारी होगी, बल्कि बाजार में चीनी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करके कीमतों को भी स्थिर रखने में मदद करेगी।
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