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Up Kiran, Digital Desk: केरल उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण मामले में आदेश जारी करते हुए कहा है कि एक डूबे हुए जहाज के 'बहन पोत' (sister vessel) की रिहाई के लिए 6 करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि (security deposit) जमा करनी होगी। यह आदेश उस समुद्री दुर्घटना से जुड़े संभावित दावों और देनदारियों को सुरक्षित करने के उद्देश्य से दिया गया है, जिसमें मूल जहाज डूबा था।

न्यायालय ने निर्देश दिया कि संबंधित पक्षों को यह राशि अदालत में जमा करनी होगी। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि भविष्य में डूबे हुए जहाज के संबंध में उत्पन्न होने वाले किसी भी मुआवजे या कानूनी दावे का निपटारा किया जा सके।

'बहन पोत' आमतौर पर उसी मालिक या उसी प्रबंधन के तहत आने वाले अन्य जहाजों को संदर्भित करता है। समुद्री कानून के तहत, डूबे या दुर्घटनाग्रस्त हुए जहाज से संबंधित दावों के लिए उसके बहन पोत को भी रोका जा सकता है।

केरल हाई कोर्ट का यह आदेश समुद्री कानून, जहाज दुर्घटनाओं और उनसे उत्पन्न होने वाले वित्तीय और कानूनी परिणामों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। यह दर्शाता है कि अदालतें ऐसी घटनाओं के पीड़ितों या संबंधित पक्षों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठा सकती हैं, भले ही मूल जहाज उपलब्ध न हो। 6 करोड़ रुपये की यह सुरक्षा राशि संभावित नुकसान की भरपाई के लिए एक गारंटी के तौर पर काम करेगी।

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