Up Kiran, Digital Desk: ऐसे समय में जब दुनिया भर के बाज़ारों में उतार-चढ़ाव का माहौल है, भारत विदेशी निवेशकों के लिए एक चमकता हुआ सितारा बनकर उभरा है. एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल के पहले नौ महीनों (जनवरी से सितंबर) में दुनिया भर में प्राइवेट इक्विटी (PE) के ज़रिए 1.5 ट्रिलियन डॉलर का भारी-भरकम निवेश किया गया, और इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा आकर्षित करने में भारत सबसे आगे रहा है.
रिपोर्ट साफ़ तौर पर कहती है कि बड़े-बड़े ग्लोबल निवेशक अब भारत को दुनिया के सबसे आकर्षक निवेश स्थलों में से एक मान रहे हैं.
क्या होता है प्राइवेट इक्विटी (PE) निवेश?
प्राइवेट इक्विटी का मतलब है जब बड़ी निवेश कंपनियां या अमीर निवेशक सीधे उन कंपनियों में पैसा लगाते हैं जो स्टॉक मार्केट में लिस्टेड नहीं होतीं. यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में भरोसे का एक बहुत बड़ा संकेत माना जाता है.
क्यों बना है भारत पहली पसंद: दुनिया की बड़ी-बड़ी इन्वेस्टमेंट फर्मों के लिए भारत पहली पसंद क्यों बना हुआ है, इसके पीछे कई ठोस वजहें हैं:
तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था: भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो निवेशकों को आकर्षित करती है.
स्थिरता और सुधार: सरकार की स्थिर नीतियां और बिज़नेस को आसान बनाने के लिए किए गए सुधारों ने विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है.
बड़ा बाज़ार: भारत का विशाल घरेलू बाज़ार किसी भी कंपनी के लिए विकास के अनगिनत अवसर पैदा करता है.
नये सेक्टर में मौके: टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप्स, हेल्थकेयर और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं हैं.
यह रिपोर्ट इस बात का सबूत है कि दुनिया अब भारत को सिर्फ एक बाज़ार के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसे पावरहाउस के रूप में देख रही है जहां लगाया गया पैसा भविष्य में कई गुना बढ़कर वापस आएगा.


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