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Up Kiran, Digital Desk: मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। इस बीच अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हवाई हमले किए हैं, जिनके नष्ट होने का दावा किया जा रहा है। ईरान ने इन हमलों को बिना वजह की सैन्य कार्रवाई बताया है और कहा है कि वह इस हमले का जवाब देगा। वहीं ईरान ने यह भी दावा किया है कि अमेरिका द्वारा निशाना बनाए गए परमाणु स्थलों पर कोई रेडियोधर्मी रिसाव नहीं हुआ क्योंकि यूरेनियम को पहले ही वहां से हटा लिया गया था।

इन तीन स्थलों में फोर्डो परमाणु सुविधा सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है, जहाँ भूमिगत यूरेनियम संवर्धन का काम होता है। फोर्डो के आसपास के क्षेत्र से एक सांसद ने जानकारी दी है कि अमेरिकी हमले के बावजूद किसी भी खतरनाक पदार्थ के उत्सर्जन की सूचना नहीं है क्योंकि यह केंद्र पहले ही खाली करा दिया गया था।

इस घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की ओर से कोई बड़ी चूक हुई है। ईरान ने फोर्डो से पहले ही यूरेनियम हटा लिया था, वही अमेरिका ने वहीं हमला किया। इस पर ईरानी संसद के प्रतिनिधि मोहम्मद मनन रईसी ने स्थानीय मीडिया से बातचीत में कहा कि अमेरिकी दावों के विपरीत, फोर्डो केंद्र को कोई गंभीर क्षति नहीं पहुंची है। उन्होंने बताया कि केवल सतही हिस्से को नुकसान हुआ है, जिसे जल्द ठीक किया जा सकता है।

सांसद रईसी ने यह भी कहा कि इलाके में कोई रेडियोधर्मी रिसाव नहीं हुआ क्योंकि जोखिम भरे पदार्थों को पहले ही हटाया जा चुका था। उन्होंने यह भी कहा कि अब ईरान के ऊपर है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम का कैसे जवाब देता है। इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने का दावा किया था।

 

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