
20 जून 2025 को, इजरायल की वायुसेना ने तेहरान में ड्रोन हमले में एक और परमाणु वैज्ञानिक को हताहत कर दिया। ईरानी अधिकारियों के अनुसार, इस हमले का शिकार एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक था, जो इजरायल द्वारा किए जा रहे ऐसे हमलों का दसवां शिकार बन गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि इजरायल की कार्रवाई धीरे-धीरे तेज हो रही है ।
ईरान ने इस हमले को 'राज्य‑प्रायोजित आतंकवाद' करार दिया और तुरंत कड़ी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची और उच्च अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी हिंसक परिस्थिति में किसी भी तरह की वार्ता असंभव है, जब तक इजरायल हमले बंद नहीं करता ।
इस हमले से पूर्व, 13 जून 2025 को इजरायल ने व्यापक हवाई हमले किए थे, जिनमें तेहरान के मिलिट्री और परमाणु अनुसंधान केंद्र प्रमुख लक्ष्य थे। इन हमलों में उच्च रैंकिंग सैन्य अधिकारी और कई अन्य वैज्ञानिक मारे गए थे । इनमें प्रमुख नामों में फेरेयदून अब्बासी‑दावानी, मोहम्मद महदी तेहरांची, अब्दोल्हामिद मीनूचहर और अहमदरेज़ा ज़ो़ल्फाघरी दार्यानी शामिल हैं ।
इस हमले के बाद, ईरानी सुप्रीम लीडर और अन्य सैन्य नेताओं ने यह घोषणा की है कि बदले की कार्रवाई की जाएगी, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह औपचारिक और सोच–समझकर की जाएगी, ताकि तनाव और विस्फोट से बचा जा सके ।
वर्तमान स्थिति इस प्रकार है:
चरम तनाव: इजरायल–ईरान संघर्ष दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुका है।
शुरू हुई कूटनीति: यद्यपि यूरोपीय शक्तियाँ (यूके, फ्रांस, जर्मनी) जेनेवा में मध्यस्थता की कोशिश कर रही हैं, ईरान वार्ता से इंकार कर रहा है, जब तक इजरायली हमले जारी हैं ।
तीव्र प्रतिकार की घोषणा: ईरानी अधिकारियों ने वार्ता की स्थिति तब तक अस्वीकार की है, जब तक मारक हमले बंद नहीं होते ।
इस समय दो ही संभावनाएँ नजर आ रही हैं: या तो तनाव और बढ़ेगा और क्षेत्रीय संघर्ष में तब्दील होगा, या फिर कूटनीतिक दबाव की मदद से कुछ नियंत्रण स्थापित होगा।
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