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Up Kiran, Digital Desk: लंबे समय से चल रहा ईरान-इजराइल युद्ध अमेरिका की मध्यस्थता के कारण शांत हो गया है। दोनों देशों के बीच युद्ध विराम के बाद से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ईरान पर सख्त रुख बदल गया है। वे बार-बार ईरान में उपलब्ध तेल के बारे में बात करते रहे हैं। पश्चिमी रक्षा संगठन नाटो की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ईरानी तेल पर प्रतिबंधों में ढील के मुद्दे पर ट्रंप ने कहा, 'युद्ध के बाद ईरान को पैसे की जरूरत है।' ट्रंप की टिप्पणी का सीधा मतलब था कि वे ईरानी तेल पर प्रतिबंधों में ढील देने के लिए तैयार हैं।

ईरानी तेल पर ट्रंप की टिप्पणी

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा, 'ईरान अभी-अभी युद्ध से बाहर आया है। उन्होंने बहुत बहादुरी से युद्ध लड़ा। वे तेल के कारोबार में हैं। अगर मैं चाहता तो उन्हें ऐसा करने से रोक सकता था और खुद चीन को तेल बेच सकता था, मगर मैं ऐसा नहीं करना चाहता। देश को पटरी पर लाने के लिए उन्हें पैसे की जरूरत है। अगर वे तेल बेचना चाहते हैं, तो वे बेचेंगे। हम तेल जब्त नहीं करेंगे या प्रतिबंध नहीं लगाएंगे,' उन्होंने इस समय एक सुझावात्मक बयान दिया।

ईरानी तेल पर ट्रंप की नज़र

गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच युद्ध विराम के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ईरानी तेल का ज़िक्र करते हुए कहा था कि ईरान के पास बहुत तेल है। ट्रंप ने तीन दिनों में तीन बार ईरानी तेल का ज़िक्र किया, जिससे पता चलता है कि ईरान के प्रति उनकी विदेश नीति में बदलाव आया है। इस बदलाव के पीछे मुख्य कारण ईरान और इसराइल के बीच युद्ध और होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने के डर से तेल की कीमतों में उछाल है। हालांकि ईरानी तेल पर प्रतिबंध हैं, मगर इसका तेल अप्रत्यक्ष रूप से बाज़ार में पहुंचता है, जिससे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं। मगर जैसे ही ईरान-इसराइल युद्ध छिड़ा, तेल की कीमतें अचानक बढ़ गईं। तेल की बढ़ती कीमतों के कारण अमेरिका समेत दुनिया भर के देशों को नुकसान उठाना पड़ा।

तेल खरीद के लिए अमेरिका की हरी झंडी

ईरान-इसराइल युद्ध से पहले ट्रंप किसी भी ऐसे देश के ईरानी तेल खरीदने के सख्त खिलाफ़ थे, जिस पर प्रतिबंध लगा हो। इसके बावजूद चीन अप्रत्यक्ष माध्यमों से ईरानी तेल को गुप्त रूप से खरीदता था और अब भी खरीदता है। चीन ईरानी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। उसने हमेशा ईरानी तेल का विरोध किया है। ट्रंप ने ईरानी तेल खरीदने के लिए कई स्वतंत्र तेल रिफाइनर और चीनी बंदरगाह टर्मिनल ऑपरेटरों पर प्रतिबंध भी लगाए थे। मगर मंगलवार को नाटो शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होते समय ट्रंप ने कहा कि चीन ईरान से तेल खरीद सकता है।

ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि चीन अब ईरान से तेल खरीदना जारी रख सकता है। उम्मीद है कि वे (चीन) अमेरिका से भी खूब तेल खरीदेंगे। ट्रंप के इस बयान पर व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से कहा कि ट्रंप यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि ईरान ने अभी तक होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का कोई प्रयास नहीं किया है। अगर ऐसा होता तो चीन को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता।

 

 

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