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Up Kiran, Digital Desk: ईरान की राजधानी तेहरान पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं और इस संकट को ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई और राष्ट्रपति पजशकियान ने भांप लिया है। ईरान को खतरा है इजराइल और अमेरिका से।
दावा किया जा रहा है कि इजराइल अमेरिका की मदद से ईरान की राजधानी पर विध्वंसक हमला करने वाला है। जिसके लिए ईरान ने इजराइल को मात देने के लिए तगड़ा प्लान बनाया है। चलिए जानते हैं आयातुल्लाह अली खामेनेई ने क्या प्लान बनाया है।
दरअसल माना जा रहा है लीडर खामनई के प्लान से अब इजराइल के जेट बारूद बरसाएंगे। इसके मंसूबे विफल हो जाएंगे और अमेरिका के बॉम्बर्स बम गिराएंगे तो तबाही से ईरान बच जाएगा। इस प्लान पर खामनई कुछ ऐसा काम कर रहे हैं जिससे दुश्मन की एयर स्ट्राइक को फेल किया जा सके जिसके लिए तेहरान से 1500 किमी दूर माकरान में राजधानी बनाने की रणनीति चल रही है।
माकरान में राजधानी बनाने की बात पहले भी उठती आई है। लेकिन इजराइल और अमेरिका के एयर स्ट्राइक के बाद यह पहली बार सामने आया है। जब ईरान के राष्ट्रपति पजिशियान ने मकरान में राजधानी शिफ्ट करने के लिए कहा है। पेजिशकियान ने हाल ही में मकरान भौगोलिक क्षेत्र में पड़ने वाले हॉर्म्यूज गन प्रांत के दौरे पर थे और उन्होंने स्पष्ट किया कि तेहरान में कई गंभीर समस्याएं हैं जिसे लंबे समय तक राष्ट्रीय राजधानी बनाए रखना कठिन बना सकती है। बढ़ती आबादी घुटन भरी बुनियादी संरचना और संसाधनों की कमी के कारण देश के राजनीतिक केंद्र को स्थानांतरित करने की आवश्यकता पैदा हो सकती है।
पजिशकीय ने कहा कि अब विकल्प अब केवल विकल्प नहीं बल्कि एक जरूरी तैयारी बन चुकी है। जनवरी में ईरानी सरकार ने यह प्रस्ताव सुप्रीम लीडर खामने को पेश किया था कि देश की राजधानी को तेहरान से मकरान के भौगोलिक इलाके में स्थानांतरित किया जा सकता है।
मकरान स्टेट ऑफ हरम्यूस के निकट स्थित है और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह ओमान की खाड़ी से मिलता है और यहां पर कड़ी सैन्य तैनाती की जा रही है। योजना के तहत मकरान में राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम लीडर का निवास, संसद और प्रशासनिक विभागों को शिफ्ट किया जा सकेगा। साथ ही हमले की स्थिति को ध्यान में रखते हुए गुप्त बंकरों और सुरक्षा स्थानों का निर्माण किया जाएगा ताकि संकट के समय शीर्ष नेतृत्व, महत्वपूर्ण अधिकारी और संवेदनशील स्थान, सुरक्षित बंकरों में स्थानांतरित किए जा सके और आवश्यकता अनुसार संसद में संचालन भी बंकरों से किया जा सके। इससे देश की सुरक्षा और राजनीति स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी।