Up Kiran, Digital Desk: महीनों की अटकलों और चर्चाओं के बाद, आखिरकार व्हाइट हाउस ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तैयार किया गया 20 सूत्री शांति प्रस्ताव जारी कर दिया है। इस विस्तृत योजना का मकसद इजरायल और हमास के बीच चल रहे विनाशकारी युद्ध को समाप्त करना और क्षेत्र में स्थायी शांति की नींव रखना है। यह वही प्रस्ताव है जिसका भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G20 शिखर सम्मेलन में स्वागत किया था।
यह योजना कई चरणों में लागू की जाएगी और इसमें युद्धविराम से लेकर गाजा के भविष्य के प्रशासन तक के कई महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं।
ट्रंप के शांति प्लान के 20 में से कुछ प्रमुख बिंदु:
तत्काल युद्धविराम: प्रस्ताव में सबसे पहला कदम 42 दिनों (छह सप्ताह) के तत्काल और पूर्ण युद्धविराम का है, ताकि बातचीत और मानवीय सहायता के लिए माहौल बन सके।
बंधकों की रिहाई: इस युद्धविराम के दौरान हमास को सभी बंधकों को रिहा करना होगा। इसकी शुरुआत महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार बंधकों से की जाएगी।
फलस्तीनी कैदियों की अदला-बदली: बंधकों की रिहाई के बदले में इजरायल की जेलों में बंद फलस्तीनी कैदियों की एक निश्चित संख्या को रिहा किया जाएगा।
गाजा का विसैन्यीकरण (Demilitarization): योजना के तहत हमास और गाजा में सक्रिय अन्य सभी आतंकवादी गुटों को पूरी तरह से निरस्त्र किया जाएगा।
मानवीय 'सेफ जोन' की स्थापना: गाजा के एक हिस्से में एक 'सुरक्षित क्षेत्र' बनाया जाएगा, जहाँ विस्थापित नागरिकों को आश्रय और मानवीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस क्षेत्र की सुरक्षा अंतरराष्ट्रीय सेनाएं करेंगी।
अरब शांति सेना की तैनाती: गाजा में सुरक्षा बनाए रखने और युद्धविराम की निगरानी के लिए मिस्र, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे देशों की एक बहुराष्ट्रीय अरब शांति सेना (Arab Peacekeeping Force) तैनात की जाएगी।
गाजा का पुनर्निर्माण: एक अंतरराष्ट्रीय संस्था का गठन किया जाएगा जो गाजा के पुनर्निर्माण के कार्यों की देखरेख करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि सहायता राशि का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए न हो।
हमास के नेतृत्व पर प्रतिबंध: योजना में हमास के नेताओं को गाजा के भविष्य के किसी भी राजनीतिक ढांचे से बाहर रखने का प्रावधान है।
अंतिम लक्ष्य - दो-राज्य समाधान: इस योजना का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य एक विसैन्यीकृत फलस्तीनी राज्य की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करना है, जो इजरायल के साथ शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में रह सके।
यह प्रस्ताव बहुत महत्वाकांक्षी है और इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि क्या इजरायल और हमास, दोनों ही पक्ष इसकी शर्तों को मानने के लिए तैयार होते हैं। हालांकि, G20 में भारत जैसे बड़े देश का समर्थन मिलने के बाद, इस योजना ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है और शांति की एक नई उम्मीद जगाई है।


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