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Up Kiran, Digital Desk: इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज़ में टीम इंडिया ने अपने प्रदर्शन से सबको चौंका दिया। पांच मैचों की सीरीज़ 2-2 से ड्रॉ पर खत्म हुई, लेकिन इसके पीछे एक अनोखी बात यह रही कि टीम ने हर मैच में टॉस गंवाया। कप्तान शुभमन गिल ने इसे खुद एक चुनौती बताया, फिर भी भारतीय टीम ने हार मानने का नाम नहीं लिया।
लंदन के केनिंग्टन ओवल में हुए आखिरी टेस्ट मैच में मिली जीत ने भारत को सीरीज़ में बराबरी पर ला खड़ा किया। बर्मिंघम के एजबेस्टन और लंदन के ओवल मैदान पर मिली जीत के अलावा मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए मैच को ड्रॉ कराना भारतीय टीम की मजबूती का सबूत था। लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट में भले ही टीम मात्र 22 रन से हारी, लेकिन उस करीबी मुकाबले ने भी भारतीय टीम की लड़ाकू प्रवृत्ति दिखाई।
दिलचस्प है कि पिछले 15 अंतरराष्ट्रीय मैचों में टीम इंडिया को टॉस के मामले में निराशा ही हाथ लगी है। जनवरी में राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए तीसरे टी20 में आखिरी बार टीम ने टॉस जीता था। इसके बाद से भारतीय टीम ने आठ वनडे, दो टी20 और पांच टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन टॉस जीतना शायद उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं रहा। फिर भी टीम ने अपनी मेहनत से सभी सीमित ओवरों के मुकाबलों में जीत हासिल की और टेस्ट क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन दिखाया।
टी20 में टॉस हारने के बावजूद भारतीय टीम ने दिखाया दमखम। पुणे के एमसीए स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए दोनों मैचों में टीम ने क्रमशः 181 और 247 रन का स्कोर बचाते हुए शानदार जीत दर्ज की। टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव ने टॉस हारकर भी अपनी कप्तानी में टीम को सफलता दिलाई।
वनडे कप्तान रोहित शर्मा ने भी टॉस हारने का सिलसिला जारी रखा, लेकिन 3-0 की सफाई से इंग्लैंड को हराकर टीम को मजबूत किया। उन्होंने 249, 305 और 356 रनों के लक्ष्य का बेहतरीन पीछा और बचाव कर टीम को जीत दिलाई। खास बात यह रही कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भी रोहित के नेतृत्व में टीम ने पांचों मैच टॉस हारने के बावजूद ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। दुबई की पिचें आसान नहीं मानी जातीं, फिर भी भारतीय टीम ने वहां बेहतरीन प्रदर्शन किया।
शुभमन गिल ने भी टॉस के मामले में निरंतर हार का सामना किया, लेकिन कप्तान के तौर पर टीम को मजबूती से आगे बढ़ाया। पांचों टेस्ट मैचों में टॉस हारने के बावजूद उन्होंने टीम को जीत की राह पर बनाए रखा।
इस पूरी सीरीज़ ने साबित कर दिया है कि टॉस हारना टीम इंडिया के लिए कोई बड़ी बाधा नहीं, बल्कि वे हर स्थिति में जीत की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। यही जज़्बा और लगन टीम को आगे भी सफलता की ओर ले जाएगी
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