
Up Kiran, Digital Desk: इजरायल और फिलिस्तीन के बीच दशकों से चले आ रहे तनावपूर्ण संघर्ष को लेकर भारत ने एक बार फिर अपने रुख को स्पष्ट किया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) के मौके पर, भारत ने फ्रांस और सऊदी अरब के नेतृत्व वाले "न्यूयॉर्क घोषणापत्र" का समर्थन किया है, जो इस विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए "दो-राष्ट्र समाधान" (Two-State Solution) का पक्षधर है।
क्या है "दो-राष्ट्र समाधान: दो-राष्ट्र समाधान" का सीधा सा मतलब है कि इजरायल के साथ-साथ एक स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीन देश की स्थापना की जाए। यह एक ऐसा फॉर्मूला है जिसे दुनिया के कई देश इस जटिल समस्या का एकमात्र स्थायी और शांतिपूर्ण हल मानते हैं। इसका लक्ष्य है कि इजरायली और फिलिस्तीनी, दोनों ही लोग शांति, सुरक्षा और सम्मान के साथ अपने-अपने देशों में रह सकें।
भारत ने क्यों किया समर्थन: भारत का यह कदम उसकी पारंपरिक विदेश नीति के अनुरूप है, जिसमें वह हमेशा से ही इजरायल और फिलिस्तीन, दोनों के साथ अपने संबंधों को संतुलित करता आया है। इस घोषणापत्र का समर्थन करके, भारत ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि वह मध्य-पूर्व में स्थायी शांति का पक्षधर है और बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने के हर अंतरराष्ट्रीय प्रयास का समर्थन करता है।
इस घोषणापत्र को फ्रांस और सऊदी अरब ने मिलकर पेश किया, जिसे कई अन्य प्रमुख देशों का भी समर्थन मिला है। यह दिखाता है कि फिलिस्तीन के मुद्दे पर वैश्विक समुदाय एक शांतिपूर्ण और व्यवहारिक समाधान खोजने के लिए एकजुट हो रहा है। भारत का इस समूह में शामिल होना वैश्विक मंच पर उसकी बढ़ती भूमिका और एक जिम्मेदार विश्व शक्ति के रूप में उसकी छवि को और मजबूत करता है।