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Up Kiran, Digital Desk: तेल अवीव से इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को साफ संदेश दिया कि इज़राइल अपने खिलाफ साजिश रचने वालों को भी बख्शेगा नहीं और उनके खिलाफ जवाबी कार्रवाई पहले से भी ज़्यादा तीव्र की जाएगी। यह बयान यमन में ताजा इज़राइली हवाई हमलों के बाद आया है, जिनमें हूती नियंत्रित इलाकों में कई लोगों की जान गई और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं।

हवाई हमलों में राष्ट्रपति भवन के पास सैन्य ठिकाना निशाना

इज़राइली वायु सेना ने राजधानी सना में कई ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें राष्ट्रपति भवन से सटे सैन्य परिसर, एक तेल भंडारण केंद्र और दो बिजली संयंत्र शामिल हैं। इज़राइल के रक्षा मंत्री इज़राइल कैट्ज़ ने दावा किया कि राष्ट्रपति भवन भी ध्वस्त कर दिया गया है, हालांकि प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की।

कैट्ज़ ने कहा कि यमन में हवाई और नौसैनिक नाकाबंदी बरकरार है और हूती संगठन की सैन्य क्षमता को खत्म करने के लिए उसके बुनियादी ढाँचे पर लगातार वार किए जा रहे हैं।

बड़े पैमाने पर जनहानि की रिपोर्ट

हूती विद्रोहियों द्वारा संचालित मीडिया एजेंसियों के मुताबिक इन हमलों में कम से कम छह लोगों की मौत हुई और लगभग 86 लोग घायल हुए हैं। घायलों में बीस से अधिक की हालत नाजुक बताई जा रही है। हमले के बाद सना के दक्षिण में स्थित तेल संयंत्र में भीषण आग लग गई और आसपास का इलाका धुएं से भर गया। स्थानीय रिपोर्टों में कहा गया कि धमाकों से रात का आसमान लाल लपटों से चमक उठा।

हूती टीवी चैनल अल-मसीरा ने यह भी दावा किया कि इज़राइल ने उसी बिजलीघर पर दोबारा हमला किया है, जिसे कुछ दिनों पहले भी निशाना बनाया गया था।

मिसाइल हमलों के जवाब में इज़राइल की आक्रामक रणनीति

हाल का यह हमला उस घोषणा के तुरंत बाद हुआ जब इज़राइली सेना ने बताया कि शुक्रवार को यमन से दागी गई मिसाइल में क्लस्टर वॉरहेड का इस्तेमाल किया गया था। यह इस ongoing संघर्ष में पहली बार है कि हूतियों ने इस प्रकार का घातक हथियार इस्तेमाल किया है।

नेतन्याहू ने अपने संबोधन में कहा, "क्षेत्र अब समझ रहा है कि इज़राइल अपनी रक्षा को लेकर किस हद तक दृढ़ है। हूती संगठनों को हमारे खिलाफ किए जा रहे हर हमले की कई गुना कीमत चुकानी होगी।"

रक्षा मंत्री कैट्ज़ का बयान इससे भी अधिक सख्त था। उन्होंने कहा, "इज़राइल की ओर छोड़ी गई हर मिसाइल के बदले हूतियों को गंभीर सैन्य नुकसान झेलना पड़ेगा।"

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