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यूपी किरण डेस्क। उत्तरी ग़ज़ा से दिल को दहला देने वाली ख़बरें आ रही हैं। यहां पर राहत सामग्री का इंतज़ार कर रहे सौ से ज़्यादा फ़लस्तीनी मारे गए हैं। हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए इसराइली सेना को ज़िम्मेदार ठहराया है। इसी तरह फ़लस्तीनी मीडिया के मुताबिक़ इसराइली सेना ने भीड़ पर गोलियां चलाई हैं। अपुष्ट ख़बरों के मुताबिक़ अपनी बचाने के लिए इसराइली सेना के सैनिकों ने गोलियां चलाई, जिससे इतने ज्यादा लोगों की मौत हो गयी।  

उत्तरी ग़ज़ा की इस घटना को लेकर पूरी दुनिया में इसराइल की तौहीन हो रही है। आलोचनाओं से घिरी इसराइली सेना ने इस मामले में एक सन्देश जारी किया है, जिसमे कहा गया है कि ट्रकों से कुचले जाने की वजह से दर्जनों लोगों की मौत हुई है। वैश्विक मीडिया के अनुसार  उत्तरी ग़ज़ा में तमाम लोग मदद सामग्री लेने के लिए खड़े थे। इसी दौरान इसराइली टैंकों ने उन पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया। हालांकि  इसराइली सेना ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसे उत्तरी ग़ज़ा में गोलाबारी की कोई ख़बर नहीं मिली है।

इस बीच संयुक्त राष्ट्र ( UNO ) ने उत्तरी ग़ज़ा में भुखमरी फैलने की आशंका व्यक्त की है। UNO के मुताबिक़ गजा में लगभग तीन लाख लोगों के पास खाने की चीजों और साफ पानी की जबरजस्त किल्लत है। बाहरी सहायता भी समय से नहीं पहुँच पा रही है। इसराइली सेना ने गत वर्ष आठ अक्टूबर को हमास के खिलाफ व्यापक जंग की शुरुवात की थी। इस जंग में अब तक तीस हज़ार लोगों की मौत हुई है, जिसमें 21000 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि इसराइल और ब्रिटेन समेत कई पश्चिमी देशों ने हमास को एक आतंकवादी संगठन घोषितकर रखा है। बेहद खतरनाक माना जाने वाले हमास ने गत वर्ष सात अक्टूबर को इसराइल पर हमला कर लगभग 1200 लोगों को मार दिया था और 253 लोगों को बंधक लिया था। हमास को ईरान से हर तरह की मदद मिलती है। बदले में इसराइल ने हमास के खिलाफ व्यापक युद्ध छेड़ दिया है। इसराइल ने हमास को हमेशा हमेशा के लिए ख़त्म कर देने का संकल्प लिया है।  

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