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हेमंत सोरेन के विरूद्ध ईडी की कार्रवाई, सीएम पद से उनके इस्तीफे और झारखंड में सियासी ड्रामे के बाद आखिरकार झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी ने अपना गढ़ बरकरार रखा है। हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद चंपई सोरेन को सीएम पद दिया गया। इसके बाद चंपई सोरेन विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना चाहते थे। चंपई सोरेन सरकार ने बहुमत से विश्वास मत जीत लिया।

81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है। विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के कुल 46 विधायक हैं। इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के 28, कांग्रेस के 16, राजद के एक और सीपीआई (एमएल) के एक विधायक शामिल हैं। विपक्षी बीजेपी और सहयोगी दलों के पास कुल 29 विधायक हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी ने विश्वास जताया कि हम विश्वास मत जीतेंगे। आख़िरकार इसे सील कर दिया गया।

चंपई सोरेन सरकार के समर्थन में कितने वोट मिले?

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड विधानसभा में विश्वास मत प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति मिल गयी। चंपई सोरेन सरकार ने 47 वोटों से विश्वास मत जीत लिया। विरोध में 29 वोट पड़े। इससे पहले विधानसभा हॉल में बोलते हुए हेमंत सोरेन ने बीजेपी, केंद्र सरकार और विपक्ष की जमकर आलोचना की।
 

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