
एक साहसी अभियान दुखद अंजाम तक पहुंचा जब एक भारतीय पर्वतारोही की माउंट एवरेस्ट की चोटी से लौटते समय जान चली गई। घटना उस समय घटी जब पर्वतारोही 'हिलेरी स्टेप' नामक कठिन और खतरनाक हिस्से से नीचे उतर रहा था। अभी तक पर्वतारोही की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन नेपाली अधिकारियों ने पुष्टि की है कि वह भारत से थे और एक अनुभवी क्लाइंबर माने जाते थे।
बताया जा रहा है कि पर्वतारोही ने एवरेस्ट की चोटी सफलतापूर्वक फतह कर ली थी और वापसी के दौरान उनका संतुलन बिगड़ गया, जिससे वे गहरी खाई में गिर पड़े। हिलेरी स्टेप, जो 8,790 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, एवरेस्ट का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा माना जाता है। यहां मौसम और ऑक्सीजन की कमी के चलते सबसे ज्यादा जोखिम बना रहता है।
नेपाली गाइड्स और रेस्क्यू टीम ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन अत्यधिक ऊंचाई और मौसम की खराबी के चलते मदद समय पर नहीं पहुंच सकी। बाद में उनके शरीर को रिकवर करने की प्रक्रिया शुरू की गई, जो खुद में एक जटिल और जोखिम भरा काम होता है।
माउंट एवरेस्ट हर साल सैकड़ों पर्वतारोहियों को आकर्षित करता है, लेकिन यह पर्वत जितना प्रेरणादायक है, उतना ही खतरनाक भी। हर साल कई लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं, खासकर उन हिस्सों में जहां चढ़ाई और वापसी दोनों बेहद कठिन होती है।
भारतीय पर्वतारोही की यह दुखद मौत पर्वतारोहण की चुनौतियों और जोखिमों की एक बार फिर याद दिलाती है। यह हादसा पूरे पर्वतारोहण समुदाय के लिए एक बड़ा झटका है।
सरकार और पर्वतारोहण संगठनों की ओर से शोक संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं और परिजनों को सहायता पहुंचाने की प्रक्रिया भी जारी है।
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