Up kiran,Digital Desk : गैस, कब्ज, एसिडिटी, पेट में भारीपन... आजकल हर दूसरे इंसान की यही कहानी है। पेट की इन रोज-रोज की दिक्कतों ने जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका इलाज किसी महंगी दवा में नहीं, बल्कि हमारी दादी-नानी के खजाने की एक छोटी-सी जड़ी-बूटी में छिपा है?
मिलिए हरड़ से! इसे हरीतकी भी कहते हैं और आयुर्वेद में इसे 'औषधियों का राजा' या 'जीवन देने वाली दवा' का दर्जा दिया गया है। यह वही चमत्कारी फल है जो मशहूर 'त्रिफला' चूर्ण का एक अहम हिस्सा है। यह देखने में भले ही मामूली लगे, लेकिन आपके पाचन तंत्र के लिए यह किसी 'रामबाण' से कम नहीं है।
1. कब्ज का पक्का और पुराना इलाज
अगर सुबह-सुबह आपका पेट ठीक से साफ नहीं होता, तो हरड़ आपका सबसे अच्छा दोस्त बन सकता है। यह पेट को साफ करने वाली एक नेचुरल और सौम्य दवा (रेचक) की तरह काम करता है। यह आंतों में अटके मल को नरम करके उसे आसानी से बाहर निकालने में मदद करता है। रोज़ाना इसके सेवन से सालों पुरानी कब्ज की समस्या भी जड़ से खत्म हो सकती है।
2. पेट की अंदर से 'सर्विसिंग' (डिटॉक्स)
हमारे पेट में अच्छे और बुरे, दोनों तरह के बैक्टीरिया होते हैं। हरड़ बुरे बैक्टीरिया और शरीर में जमा गंदगी (विषाक्त पदार्थों) को बाहर निकालकर पेट की अंदर से पूरी 'सर्विसिंग' कर देता है। इससे गैस, खट्टी डकारें और पेट फूलने जैसी समस्याएं अपने-आप कम हो जाती हैं।
3. बीमारियों से लड़ने वाली 'शील्ड'
हरड़ में एंटीऑक्सीडेंट्स की भरमार होती है, जो हमारे शरीर के सिपाहियों (इम्यूनिटी) को मजबूत बनाते हैं। यह शरीर को अंदर से ताकत देता है, जिससे आप मौसम बदलने पर होने वाले सर्दी-जुकाम और इन्फेक्शन से बचे रहते हैं।
इसे इस्तेमाल करने का सबसे सही और आसान तरीका
- कब लें: रात को सोने से पहले।
- कैसे लें: आधा चम्मच हरड़ का पाउडर एक गिलास गुनगुने पानी या हल्के गर्म शहद में मिलाकर पी लें।
- दूसरा तरीका: आप चाहें तो सुबह खाली पेट भी थोड़ी मात्रा में इसे ले सकते हैं।
तो अगली बार जब पेट में कोई गड़बड़ महसूस हो, तो महंगी गोलियों से पहले, आयुर्वेद के इस 'राजा' को ज़रूर याद कीजिएगा
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