महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक आदिवासी बच्चे ने अपनी माँ की परेशानी दूर करने के लिए जिस तरह से संघर्ष करके सफलता हासिल की है वो बहुत ही प्रेरणादायक है।
चौदह साल के बेटे को हमेशा यह बात परेशान करती रहती थी कि उसकी माँ को कई किलोमीटर दूर जाकर पैदल पानी लाना पड़ रहा है। ऐसे में बेटा अपनी माँ के लिए कुआं ही पास खींच लाया।
कलयुग के श्रवण कुमार की कहानी हम आपको बताते हैं एक दुबला पतला लड़का जिसे देखकर कोई भी कह सकता है कि यह दो हड़्ड़ियों का पुलिंदा है लेकिन उसकी आँखों में अजीब सी चमक है।
यह चमक उस काम की है जिसे सुनकर हर कोई उसकी तारीफों के पुल बांध रहा है। हम बात कर रहे हैं मुंबई से एक सौ अट्ठाईस किलोमीटर दूर पालघर जिले के प्रणव रमेश साल कर कि जिन्होंने इस महीने की शुरुआत में अपनी माँ के लिए केल्वे गाँव में अपनी झोपड़ी के पास कुआं खोदा।
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि अब आई को पानी लाने के लिए रोजाना कई किलोमीटर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। कुदाल फावड़ा और एक छोटी सी ड़ी के साथ चौदह साल के प्रणव रमेश साल करने अपने आँगन के बीच में कुआं खोदना शुरू किया।
चिलचिलाती धूप होने के बावजूद प्रणव पूरे दिन पंद्रह मिनिट के लंच ब्रेक के साथ जमीन को खोजता रहता था। उसके पिता रमेश ने बताया कि उसकी मां दर्शना भी उसके काम को देख कर खुश रही।
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