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अमरोहा, उत्तर प्रदेश: समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री कमाल अख्तर ने इतिहास और समकालीन राजनीति को लेकर एक अहम बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत का मुसलमान किसी भी ऐतिहासिक शासक—चाहे वह औरंगजेब हो या अकबर—को अपना आदर्श नहीं मानता। उनका कहना है कि मुसलमान केवल अल्लाह और पैगंबर के दिखाए रास्ते पर चलता है।

"राजा-महाराजाओं को नहीं, हुजूर के रास्ते को मानते हैं": कमाल अख्तर

कमाल अख्तर ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, “इस देश का मुसलमान न तो औरंगजेब को मानता है और न ही अकबर को। ये सब राजा-महाराजा रहे होंगे अपने समय में, लेकिन आज का मुसलमान उनका अनुयायी नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “तीन-चार सौ साल पहले क्या हुआ, इसका असर आज के मुसलमान के सोचने और जीने के तरीके पर नहीं पड़ता। वह केवल अल्लाह और हुजूर के बताए हुए रास्ते को ही मानता है।”

"राजा-महाराजाओं का नाम बेरोजगारी से ध्यान भटकाने के लिए उछाला जाता है"

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कमाल अख्तर ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी नौकरियों और रोजगार की बात आती है, तब सत्ताधारी दल बाबर, हुमायूं और औरंगजेब जैसे ऐतिहासिक पात्रों का जिक्र करके लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करता है। अख्तर बोले, “बताइए, क्या आज का कोई मुसलमान औरंगजेब के रास्ते पर चल रहा है? बिल्कुल नहीं। यह सिर्फ एक सियासी हथकंडा है ताकि युवाओं की असली समस्याओं से नजर हटाई जा सके।”

हसनपुर के कार्यक्रम में दी गई प्रतिक्रिया

कमाल अख्तर यह बयान अमरोहा जिले के हसनपुर में आयोजित आंबेडकर स्वाभिमान गोष्ठी के मंच से दे रहे थे। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उन्होंने यही बातें मीडिया के सामने भी दोहराईं और अपने बयान पर कायम रहे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को बार-बार इतिहास के बहाने बदनाम करना बंद होना चाहिए।

औरंगजेब को लेकर फिर सियासी हलचल

यह बयान उस वक्त आया है जब महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में स्थित औरंगजेब की कब्र को लेकर राजनीतिक विवाद गर्माया हुआ है। वहां शुरू हुआ मुद्दा अब धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों में भी तूल पकड़ता जा रहा है। औरंगजेब को लेकर हो रही राजनीतिक बयानबाजी ने एक बार फिर धार्मिक भावनाओं और इतिहास की व्याख्या को सार्वजनिक चर्चा में ला दिया है।

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