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Up Kiran, Digital Desk: जैसे ही जिले में मानसून की बारिश शुरू हुई, वैसे ही गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के कई हिस्सों में भूस्खलन के खतरे बढ़ गए हैं। इस वजह से विभिन्न राज्यों से कांवड़ यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश और भू-स्खलन के चलते प्रशासन ने रविवार को चारधाम यात्रा को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया।

शनिवार की देर रात से लगातार बारिश होने की वजह से जिला मुख्यालय के साथ-साथ गंगोत्री और यमुनोत्री के क्षेत्रों में भी भारी जल जमाव देखा गया। इसके परिणामस्वरूप गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के नेताला, मनेरी, लालढांग, नलूणा और बिशनपुर जैसे स्थानों पर मलबा गिर गया, जिससे मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया।

इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए दोनों धामों की यात्रा पर रोक लगा दी है। इससे गंगोत्री और गौमुख जाने वाले कांवड़ियों को भारी परेशानी हो रही है। भटवाड़ी टैक्सी स्टैंड पर रुके राजस्थान के मलहार जिले के कांवड़िये रमेश, सोनू, हरि सिंह, श्रीराम और सुनील ने बताया कि उन्हें 30 जून को गंगोत्री से जल लेकर पैदल ही कांवड़ यात्रा शुरू करनी थी। उनका उद्देश्य श्रावण मास की शिवरात्रि पर, जो कि 23 जुलाई को है, अलवर के पास 40 किलोमीटर दूर शिव मंदिर में जलाभिषेक करना है।

हालांकि, यात्रा बंद होने के आदेश के कारण उन्हें गंगोत्री जाने से रोक दिया गया है, जिससे उनकी योजना में विलंब हो रहा है। उन्होंने बताया कि वे शनिवार शाम उत्तरकाशी पहुंचे थे, लेकिन खराब मौसम और यात्रा मार्गों के बंद होने के कारण गंगोत्री पहुंचना उनके लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।

प्रशासन की यह रोक मानसून की सक्रियता और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम बताया जा रहा है। अब देखना यह होगा कि बारिश और भूस्खलन की स्थिति में सुधार कब होता है ताकि श्रद्धालु अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन कर सकें।

 

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