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दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन में उस वक्त हड़कंप मच गया जब राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के OSD (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) आपस में भिड़ गए। दोनों अधिकारियों के बीच पहले तीखी बहस हुई, जो देखते ही देखते खुलेआम गाली-गलौज और धमकियों तक पहुंच गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विवाद इतना बढ़ गया कि एक OSD ने दूसरे को जूते से मारने तक की धमकी दे दी। घटना के समय कर्नाटक भवन में कई अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद थे, जिन्होंने माहौल को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन बहस काबू से बाहर होती चली गई।

यह विवाद किन कारणों से हुआ, इस पर अभी तक स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस घटनाक्रम को लेकर हलचल मची हुई है। बताया जा रहा है कि दोनों अधिकारियों के बीच लंबे समय से अंदरूनी खींचतान चल रही थी, जो अब सार्वजनिक रूप से सामने आ गई।

कर्नाटक सरकार ने इस गंभीर घटना को संज्ञान में लेते हुए आंतरिक जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह साफ किया है कि अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी पाए गए अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना ने राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता और मीडिया दोनों यह जानना चाह रहे हैं कि आखिर ऐसे उच्च स्तर के अधिकारी सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह का व्यवहार कैसे कर सकते हैं।

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