
Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक सरकार ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के उस आदेश को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया है, जिसमें एक आईपीएस अधिकारी के निलंबन को रद्द कर दिया गया था। यह मामला एक गंभीर भगदड़ की घटना से संबंधित है।
यह मामला तब सामने आया जब एक आईपीएस अधिकारी को एक भगदड़ की घटना के बाद निलंबित कर दिया गया था, जिसमें कथित तौर पर सुरक्षा में चूक या प्रबंधन में खामियां सामने आई थीं। अधिकारी ने अपने निलंबन के खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) में अपील की थी, जिसने उनकी अपील को स्वीकार करते हुए निलंबन आदेश को रद्द करने का फैसला सुनाया था।
कर्नाटक सरकार CAT के इस फैसले से सहमत नहीं है। सरकार का तर्क है कि अधिकारी का निलंबन उचित था और मामले की पूरी जांच आवश्यक है। उनका मानना है कि इस तरह के गंभीर मामले में अधिकारी की जवाबदेही तय करना महत्वपूर्ण है।
अब सरकार ने CAT के इस आदेश को कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। सरकार चाहती है कि उच्च न्यायालय CAT के आदेश को रद्द करे और आईपीएस अधिकारी का निलंबन बहाल रखा जाए, ताकि भगदड़ मामले की गहन जांच पूरी हो सके और जिम्मेदारी तय की जा सके।
यह कदम प्रशासनिक अधिकारियों की जवाबदेही और सरकारी फैसलों पर न्यायिक निकायों के हस्तक्षेप के बीच के संतुलन को उजागर करता है। उच्च न्यायालय का फैसला इस मामले में महत्वपूर्ण होगा और भविष्य में ऐसे ही मामलों के लिए एक नज़ीर बन सकता है।
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