
Up Kiran, Digital Desk: भविष्य की तकनीक की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, कर्नाटक सरकार ने क्वांटम टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की है। इस दूरदर्शी पहल का लक्ष्य 2035 तक $20 बिलियन की क्वांटम अर्थव्यवस्था बनाना और भारत में क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाना है।
राज्य के आईटी/बीटी मंत्री एन.एस. बोसराजु ने बताया कि क्वांटम तकनीक अगली पीढ़ी की उभरती हुई तकनीक है, जिसमें गेम-चेंजिंग प्रगति लाने की अपार क्षमता है। यह कंप्यूटिंग, संचार और संवेदन जैसे क्षेत्रों में नए रास्ते खोलेगी और विभिन्न उद्योगों को बदल देगी। बोसराजु ने जोर देकर कहा कि कर्नाटक इस क्रांतिकारी बदलाव में सबसे आगे रहना चाहता है।
यह क्वांटम टास्क फोर्स एक व्यापक क्वांटम रणनीति और रोडमैप तैयार करने के लिए जिम्मेदार होगी। इसका मुख्य उद्देश्य अनुसंधान और विकास (R&D) को बढ़ावा देना, शिक्षाविदों, उद्योग और सरकार के बीच सहयोग को मजबूत करना, कौशल विकास को बढ़ावा देना और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना होगा। अंतिम लक्ष्य कर्नाटक को क्वांटम अनुसंधान और अनुप्रयोगों के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यह पहल भारत की राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) के अनुरूप है, जिसके तहत अगले आठ वर्षों में $8 बिलियन का निवेश किया जाएगा। कर्नाटक इस राष्ट्रीय प्रयास में अग्रणी भूमिका निभाना चाहता है और क्वांटम पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देना चाहता है।
राज्य सरकार पहले से ही उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखा रही है, जैसा कि मंगलुरु में इंफोसिस के साथ डेटा साइंस और एआई में उत्कृष्टता केंद्र (CoEDSAI) के लॉन्च से स्पष्ट होता है। यह केंद्र डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में नवाचार और कौशल विकास को बढ़ावा दे रहा है।
राज्य सरकार का मानना है कि क्वांटम टास्क फोर्स का गठन न केवल तकनीकी प्रगति लाएगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा और कर्नाटक की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। यह कदम कर्नाटक को भविष्य की प्रौद्योगिकियों में एक मजबूत दावेदार के रूप में स्थापित करेगा और इसे देश के सबसे नवोन्मेषी राज्यों में से एक के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद करेगा।
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