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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय क्रिकेट फैंस की उम्मीदें करुण नायर की वापसी को लेकर खूब थीं, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में हुई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में उनका प्रदर्शन निराशा ही लेकर आया। चार मैचों में कुल 205 रन बनाकर नायर 25.62 के औसत पर ही सीमित रहे, जबकि उनके बल्ले से सिर्फ एक बार ही अर्धशतक निकला। इंग्लैंड की धरती पर शतक न बना पाने का दुख नायर ने खुद भी कबूला है।
ओवल टेस्ट में उन्होंने भले ही अच्छी शुरुआत की, लेकिन पचासा पूरा करने के बाद ज्यादा देर टिक न सके। यह मैच भारत ने बेहद कसी हुई लड़ाई के बाद 6 रनों से जीता और सीरीज को 2-2 से बराबरी पर खत्म कराया।
नायर ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो को बताया, "ओवल में शतक नहीं बना पाने का गम रहा, लेकिन उस मुश्किल माहौल में टीम के साथ टिकना काफी मायने रखता था। मैं नर्वस जरूर था, लेकिन खुद को अच्छा महसूस करा रहा था। पहले भी इंग्लैंड में नॉर्थेंट्स के खिलाफ सरे के खिलाफ 150 रन बना चुका हूं, इसलिए उम्मीद थी कि शतक जड़ पाऊंगा।"
33 साल के इस बल्लेबाज ने कहा कि यह सीरीज उतार-चढ़ाव से भरी रही और उन्होंने इस पूरे सफर पर गहराई से सोच-विचार किया है। अब उनका ध्यान भविष्य की तैयारियों पर है। "जो हो चुका है उसे भूलकर मैं आगे बढ़ना चाहता हूं। मेरा फोकस बड़े स्कोर बनाने पर है, चाहे मैं किसी भी स्तर पर खेल रहा हूं।"
नायर को घरेलू क्रिकेट में शानदार फार्म के बाद इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में शामिल किया गया था। हालांकि, कमबैक मैच की पहली पारी में शून्य पर आउट होना उनके लिए चिंता का विषय था। लीड्स में दूसरी पारी में उन्होंने 20 रन बनाए और बर्मिंघम में 31 व 26 रन की पारियां खेली, पर लगातार लय पकड़ने में नाकाम रहे।
लॉर्ड्स टेस्ट में भी उन्हें मौका मिला, जहां उन्होंने पहली पारी में 40 और दूसरी पारी में 14 रन जोड़े। मगर मैनचेस्टर के चौथे मैच में प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया।
उनका बेस्ट प्रदर्शन ओवल में रहा, जहां उन्होंने पहली पारी में 57 रन बनाकर टीम को 200 के पार पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। सीरीज का अंत उन्होंने 17 रन बनाकर किया।
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