
Up Kiran, Digital Desk: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उनके जन्मदिन पर एक खत भेजा है, और इस खत में जो बातें लिखी हैं, उन्होंने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। किम ने पुतिन से कहा है कि उत्तर कोरिया और रूस की दोस्ती "भविष्य में भी हमेशा ऐसे ही आगे बढ़ती रहेगी।"
यह सिर्फ जन्मदिन की एक शुभकामना नहीं है, बल्कि यह उस गहरी होती दोस्ती का एक खुला ऐलान है जो यूक्रेन युद्ध के बाद से लगातार मजबूत होती जा रही है।
इस खत में क्या है खास: उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज़ एजेंसी (KCNA) के मुताबिक, किम ने अपने खत में लिखा:
अटूट दोस्ती का भरोसा: "मुझे कोई शक नहीं है कि हमारे दोनों देशों के बीच यह दोस्ती का रिश्ता, जो अपने सबसे शानदार दौर में है, भविष्य में भी हमेशा कायम रहेगा।"
गहरे निजी संबंध: किम ने इस दोस्ती का श्रेय पुतिन के साथ अपने "गर्मजोशी भरे दोस्ताना संबंधों और साथियों जैसे करीबी रिश्तों" को दिया।
एक 'नई दुनिया' बनाने का लक्ष्य: उन्होंने यह भी कहा कि यह दोस्ती सिर्फ दोनों देशों के लिए ही नहीं, बल्कि "एक न्यायपूर्ण और बहुध्रुवीय दुनिया" बनाने में भी बड़ा योगदान देगी। यह सीधे तौर पर अमेरिका के प्रभुत्व वाली दुनिया को एक चुनौती है।
यह सिर्फ बातों तक सीमित नहीं है: यह दोस्ती सिर्फ पत्रों और फोन कॉल तक ही सीमित नहीं है। इसका असर यूक्रेन के युद्ध के मैदान में भी दिख रहा है।
15,000 सैनिक और हथियार: दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी का दावा है कि पिछले साल अक्टूबर से अब तक, उत्तर कोरिया ने रूस की मदद के लिए लगभग 15,000 सैनिक और भारी मात्रा में हथियार भेजे हैं।
रूस के "न्यायपूर्ण संघर्ष" का समर्थन: किम ने अपने पत्र में यह भी कहा कि वह रूस द्वारा अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा के लिए किए जा रहे "न्यायपूर्ण संघर्ष" का पूरा समर्थन करते हैं। यह यूक्रेन पर रूस के हमले का खुला समर्थन है।
इससे पहले 13 अगस्त को भी किम जोंग उन ने पुतिन से फोन पर बात की थी और उन्हें अपने "पूर्ण समर्थन" का भरोसा दिया था। खास बात यह है कि यह पहली बार था जब उत्तर कोरिया ने अपने नेता की किसी विदेशी नेता से हुई फोन पर बातचीत की जानकारी सार्वजनिक की थी, जो दिखाता है कि रूस के साथ यह रिश्ता किम के लिए कितना अहम है।
यह दोस्ती दो ऐसे देशों को एक साथ ला रही है जिन्हें पश्चिमी देशों ने अलग-थलग कर रखा है। यह नया गठबंधन न केवल यूक्रेन युद्ध को प्रभावित कर रहा है, बल्कि दुनिया की भू-राजनीति में भी एक नया अध्याय लिख रहा है।