
Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की अपनी यात्रा के दौरान एक ऐसे शाही ठिकाने का दौरा किया, जो आमतौर पर आम जनता की पहुँच से दूर रहता है। यह कोई बकिंघम पैलेस जैसा भव्य महल नहीं, बल्कि शाही परिवार का एक बेहद निजी और प्रिय ठिकाना है – सैंड्रिंघम हाउस (Sandringham House)। इसी ऐतिहासिक और निजी संपत्ति पर किंग चार्ल्स III ने भारतीय प्रधानमंत्री की मेजबानी की, जिसने इस जगह को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है।
शाही परिवार का भावनात्मक घर सैंड्रिंघम हाउस शाही परिवार के लिए सिर्फ एक संपत्ति नहीं, बल्कि परंपराओं, बचपन की यादों और शांत पारिवारिक पलों से भरा एक भावनात्मक घर है। यह बकिंघम पैलेस या विंडसर कैसल की तरह सरकार द्वारा संचालित शाही निवास नहीं है, बल्कि ब्रिटिश राजशाही की निजी संपत्ति है।
इस संपत्ति को 1862 में तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स, जो बाद में किंग एडवर्ड VII बने, के लिए महारानी विक्टोरिया ने खरीदा था। किंग एडवर्ड VII को यह संपत्ति इतनी पसंद थी कि उन्होंने इसे अपनी पसंदीदा जगह बना लिया और यहीं पर 'सैंड्रिंघम एस्टेट' का विकास किया। तब से यह शाही परिवार की कई पीढ़ियों के लिए एक प्रिय अवकाश गंतव्य बना हुआ है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय भी यहाँ क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने आती थीं, और यहीं से अपना पारंपरिक क्रिसमस संदेश देती थीं।
किंग चार्ल्स का निजी ठिकाना वर्तमान में, यह राजा चार्ल्स III का निजी ग्रामीण निवास है। उन्हें यहाँ ग्रामीण जीवन और प्रकृति के करीब रहना बेहद पसंद है। वह अक्सर यहाँ समय बिताते हैं, खासकर जब उन्हें शाही जिम्मेदारियों से कुछ पल की शांति चाहिए होती है। यह दिखाता है कि कैसे राजशाही के शीर्ष पर होने के बावजूद, वह अपनी व्यक्तिगत शांति और प्रकृति से जुड़ाव को महत्व देते हैं।
एक विशाल और सक्रिय एस्टेट सैंड्रिंघम हाउस सिर्फ एक घर नहीं, बल्कि एक विशाल वर्किंग एस्टेट है जो 20,000 एकड़ से अधिक में फैला है। इसमें खेत, जंगल, बगीचे और कई अन्य संपत्तियाँ शामिल हैं। इस एस्टेट को पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ तरीके से प्रबंधित किया जाता है, जो किंग चार्ल्स के पर्यावरण संरक्षण के प्रति जुनून को दर्शाता है।
एस्टेट के भीतर ही सैंड्रिंघम चर्च (सेंट मैरी मैग्डलीन चर्च) भी है, जहाँ शाही परिवार प्रार्थना के लिए आता है। इसके अलावा, यहाँ एक संग्रहालय भी है जिसमें शाही संग्रह की वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं, और एक आगंतुक केंद्र भी है जो साल के कुछ खास समय में जनता के लिए खोला जाता है।
क्यों है यह 'प्राइवेट रॉयल वर्ल्ड'? सैंड्रिंघम हाउस शाही परिवार के लिए एक 'प्राइवेट वर्ल्ड' की तरह है, जहाँ वे सार्वजनिक निगाहों से दूर होकर सुकून के पल बिता सकते हैं। यह उनकी जड़ों, परंपराओं और व्यक्तिगत जीवन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण स्थान है। पीएम मोदी का यहाँ दौरा सैंड्रिंघम हाउस के महत्व को और बढ़ाता है, जो ब्रिटिश राजशाही के इतिहास और वर्तमान दोनों में एक विशेष स्थान रखता है। यह दिखाता है कि कुछ जगहें सिर्फ दीवारें नहीं होतीं, बल्कि सदियों की कहानियों और व्यक्तिगत यादों को समेटे होती हैं।
--Advertisement--