मणिपुर में दंगा पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। वक्त वक्त पर झड़पों की निरंतर खबरें आ रही हैं। विपक्ष सरकार से मणिपुर पर मुंह न खोलने का आरोप लगाता रहा है। विपक्ष मांग करता है कि पीएम मोदी ने न तो कभी मणिपुर दंगे के बारे में बात की और न ही उन्होंने वहां का दौरा किया भले ही देश में सरकार या उसके मंत्रियों ने इस मुद्दे पर खुलकर कोई जवाब न दिया हो, मगर विदेश में एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर साउथ कोरिया और जापान की अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान सियोल में भारतीय समुदाय से मुखातिब हुए। भारत और प्रवासी भारतीय समुदाय से जुड़े कई सवालों के बीच एक सदस्य ने उनसे मणिपुर हिंसा के बारे में सवाल पूछा। इस पर विदेश मंत्री ने कहा कि मणिपुर में जो कुछ भी हुआ वह बहुत दुखद है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के सभी लोग पूर्वोत्तर के इस राज्य में हालात को सामान्य होते देखना चाहते हैं।
विदेश मंत्री ने कहा, यह कैसे हुआ? सरकार ने ऐसा कैसे होने दिया? इस संदर्भ में आप जानते हैं कि ऐसा कोई शख्स नहीं होगा जिसे वहां जो कुछ भी हो रहा है, उस पर अफसोस न हो। मुझे लगता है पूरा देश मणिपुर के लिए प्रार्थना कर रहा है। मेरे कहने का मतलब है कि लोग सामान्य स्थिति देखना चाहेंगे। कानून व्यवस्था बहाल होते देखना चाहेंगे।
हिंसा से पीड़ित राज्य मणिपुर के बारे में सवाल का विशेष रूप से जवाब देने से पहले जयशंकर ने बताया कि कैसे केंद्र में मौजूद सरकार ने लुक ईस्ट और एक्ट ईस्ट को व्यवहार में तब्दील कर दिया और वहां कई परियोजनाएं लागू की।
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