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Up Kiran, Digital Desk: बेंगलुरु शहर को चलाने वाली संस्था, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके (BBMP) के अंदर चल रहे हज़ारों करोड़ रुपये के कथित घोटाले का जिन्न अब बोतल से बाहर आ गया है। एक खास जांच आयोग ने अपनी 8900 पन्नों की भारी-भरकम रिपोर्ट मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सौंप दी है, और इस रिपोर्ट के सामने आते ही बड़े-बड़े अधिकारियों और नेताओं की नींद उड़ गई है।

यह रिपोर्ट कोई मामूली कागज़ों का बंडल नहीं है, बल्कि यह BBMP के अंदर चल रहे भ्रष्टाचार और धांधली का एक विस्तृत खुलासा है। इस आयोग का नेतृत्व एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, बी.एस. पाटिल, और एक रिटायर्ड जज, जस्टिस एच.एस. केम्पन्ना, कर रहे थे। उन्होंने पिछले पांच सालों में BBMP में हुए कामों की गहन जांच की है।

क्या है इस रिपोर्ट में :रिपोर्ट में साफ तौर पर बताया गया है कि कैसे सरकारी कामों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं। चाहे वो शहर की सड़कों का निर्माण हो, कचरा प्रबंधन हो, या झील का विकास, हर काम में नियमों को ताक पर रखकर घोटाला किया गया।

जांच में यह भी सामने आया कि कई काम ऐसे थे जो सिर्फ कागजों पर पूरे हो गए, जबकि जमीन पर कुछ हुआ ही नहीं। फर्जी बिल बनाए गए, एक ही काम का भुगतान कई बार किया गया और बिना काम की गुणवत्ता जांचे ठेकेदारों को हज़ारों करोड़ रुपये दे दिए गए। यह रिपोर्ट सिर्फ गलतियों को नहीं बताती, बल्कि यह भी बताती है कि इसके लिए कौन-कौन से अधिकारी और जनप्रतिनिधि जिम्मेदार हैं।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रिपोर्ट मिलने के बाद कहा है कि सरकार इसका पूरी तरह से अध्ययन करेगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार क्या कार्रवाई करती है, क्योंकि यह मामला बेंगलुरु के भविष्य और जनता के पैसे से जुड़ा है।

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