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राजस्थान में हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा इलेक्शनों में कई प्रमुख नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है। यह हार केवल राजनीतिक करियर में एक झटका नहीं है, बल्कि उनके भविष्य की दिशा को भी प्रभावित कर सकती है। इन नेताओं में से कई बार के सांसद और विधायक रहे हैं और कुछ तो बड़े राजनीतिक परिवारों से आते हैं। अब, चुनाव में हार के बाद, उन्हें अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में पुनर्विचार करना होगा।

वैभव गहलोत, पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे, इस बार जालोर-सिरोही से लोकसभा इलेक्शन हार गए हैं। यह उनकी दूसरी हार है। अब चर्चा है कि वैभव को कांग्रेस संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है। दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व से संपर्क कर, उन्हें संगठन में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। निकट भविष्य में कोई चुनाव न होने की वजह से संगठन ही उनके लिए एक मजबूत सहारा साबित हो सकता है।

भाजपा के दिग्गज हार गए इलेक्श

बीजेपी के वरिष्ठ नेता महेंद्रजीत मालवीया, जो कई बार विधायक और सांसद रह चुके हैं, इस बार इलेक्शन हार गए हैं। राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर भी रह चुके मालवीया अब संगठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका की उम्मीद कर रहे हैं। इसी तरह, पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा भी कई चुनाव हार चुकी हैं। विधानसभा चुनाव में हारने के बाद अब लोकसभा चुनाव में भी उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा है।

जानें बड़े नेताओं की हार के बाद क्या होगा

बता दें कि राजस्थान में इस बार लोकसभा इलेक्शन में कई दिग्गज नेताओं की हार ने राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों को नया मोड़ दिया है। अब इन नेताओं को संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर मिल सकता है, जिससे वे अपनी राजनीतिक यात्रा को नई दिशा दे सकते हैं। भविष्य में इनकी भूमिका और योगदान पर सभी की नजरें रहेंगी।

 

 

 

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