Samvidhan Divas 2024: भारत हर साल 26 जनवरी को अपना गणतंत्र दिवस मनाता है। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ और पूरे देश में लागू किया गया। हालाँकि, भारत 2015 से हर साल 26 नवंबर को अपना संविधान दिवस मनाता है, जिसे अक्सर 'संविधान दिवस' कहा जाता है। इसलिए, अगर आप भ्रमित हैं और दोनों तिथियों के बीच अंतर जानना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर हैं।
भारत का संविधान दिवस क्या है?
26 नवंबर को मनाया जाने वाला संविधान दिवस संविधान के अंतिम प्रारूप को मंजूरी दिए जाने की याद दिलाता है, जबकि 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस उस दिन को चिह्नित करता है जब संविधान आधिकारिक रूप से लागू हुआ था। 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अपनाना देश के इतिहास में एक ऐतिहासिक पल था, जिसने स्वशासन और लोकतंत्र के युग की शुरुआत की। लगभग तीन वर्षों में देश के कुछ सबसे प्रतिभाशाली दिमाग दिल्ली के संविधान सभा हॉल में एकत्रित हुए, और खुद को कठोर बहस, मसौदा तैयार करने और एक नए स्वतंत्र भारत के लिए रूपरेखा को परिपूर्ण करने के लिए समर्पित किया।
2015 की शुरुआत: राष्ट्रीय दिवस
26 नवंबर को मनाया जाने वाला संविधान दिवस भारत की स्थायी संवैधानिक विरासत की एक शक्तिशाली याद दिलाता है। 2015 में स्थापित ये चिंतन का एक क्षण प्रदान करता है, हर नागरिक से अपने अधिकारों को बनाए रखने और संविधान में वर्णित अपने कर्तव्यों को पूरा करने का आग्रह करता है। पूरे देश में स्कूल, कॉलेज और संस्थान इस दिन को प्रस्तावना पढ़ने, चर्चा करने और गतिविधियों के साथ मनाते हैं जो इस मूलभूत दस्तावेज में दर्ज अहम सिद्धांतों को उजागर करते हैं।
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