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Up Kiran, Digital Desk: हर साल की तरह, इस वर्ष भी शनिवार, 16 अगस्त, 2025 को जन्माष्टमी (Janmashtami) का पावन पर्व मनाया जा रहा है। यह हिंदुओं का एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के आठवें अवतार, भगवान कृष्ण (Lord Krishna) के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर, यह याद करना प्रासंगिक है कि किसने सबसे पहले बड़े पर्दे पर 'लॉर्ड कृष्ण' के चरित्र को जीवंत किया था।

पर्दे पर 'भगवान कृष्ण' के प्रथम अवतार: जेमिनी गणेश की कालजयी भूमिका

बड़े पर्दे पर भगवान कृष्ण का किरदार निभाने वाले पहले अभिनेता जेमिनी गणेश (Gemini Ganesan) थे। उन्होंने 1948 में रिलीज हुई तमिल फिल्म 'चक्र धारी' (Chakra Dhari) में भगवान पांडुरंग (Lord Panduranga) का किरदार निभाया था। पांडुरंग, जिन्हें विठोबा या विट्ठल के नाम से भी जाना जाता है, को सामान्यतः भगवान विष्णु का ही एक रूप या उनके अवतार कृष्ण का ही एक स्वरूप माना जाता है। यह फिल्म तमिल सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुई।

'चक्र धारी' फिल्म की कहानी और निर्माण

एसएस वासन (SS Vasan) द्वारा निर्मित, यह तमिल भाषा की फिल्म अपने समय की एक महत्वपूर्ण पेशकश थी। फिल्म में वी नागय्या (V Nagayya), पुष्पावल्ली (Pushpavalli), सूर्याप्रभा (Suryaprabha), नागरcoil महादेवन (Nagarcoil Mahadevan), और के.एन. कमला (K. N. Kamalam) जैसे कलाकारों ने प्रमुख भूमिकाएं निभाईं। हालांकि, उस समय एक उभरते हुए अभिनेता जेमिनी गणेश ने भगवान पांडुरंग के रूप में अपनी छाप छोड़ी। फिल्म का निर्देशन के.एस. गोपालकृष्णन (KS Gopalakrishnan) ने किया था, पटकथा जेमिनी स्टोरी डिपार्टमेंट (Gemini Story Department) द्वारा लिखी गई थी, और फिल्म का संगीत डी. पार्थसारथी (D Parthasarathy) ने तैयार किया था।

जेमिनी गणेश का अविश्वसनीय फिल्मी सफर

जेमिनी गणेश, जिनका असली नाम रामस्वामी गणेश था (जन्म 16 नवंबर, 1919), भारतीय सिनेमा के एक प्रतिष्ठित नाम हैं। तमिल फिल्म 'चक्र धारी' में 'लॉर्ड कृष्ण' का किरदार निभाने के अलावा, वह अपनी 'नाना अवन इलाई' (Naan Avanillai), 'काव्या थलाइवी' (Kaaviya Thalaivi), 'वल्लवनुकु वल्लवन' (Vallavanukku Vallavan), और 'इडया मालार' (Idaya Malar) जैसी फिल्मों के लिए भी जाने जाते हैं। 1950 से 1978 के बीच अपने अभिनय करियर में, उन्होंने कई बॉक्स ऑफिस पर हिट फिल्में दीं और अपनी बहुमुखी प्रतिभा से दर्शकों का दिल जीता। जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर, उस महान अभिनेता को याद करना एक सुखद अनुभूति है जिसने भारतीय सिनेमा पर अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है।

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