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Up Kiran, Digital Desk:  हर साल जब श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर निकलते हैं तो उनकी मंज़िल सिर्फ दर्शन करना नहीं होती बल्कि आत्मिक शांति आस्था और प्रकृति से जुड़ाव भी उनका मकसद होता है। ऐसी ही एक अनोखी और अद्भुत जगह है यमुनोत्री धाम जहां सिर्फ पूजा नहीं होती बल्कि प्रकृति के अजूबों का प्रत्यक्ष अनुभव भी होता है।

यमुनोत्री धाम में एक ऐसी जगह है जिसे सूर्य कुंड कहा जाता है। यह कोई साधारण कुंड नहीं बल्कि एक प्राकृतिक गर्म जलधारा है जिसमें श्रद्धालु अपने साथ लाए हुए चावल उबालते हैं और उसे प्रसाद के रूप में घर ले जाते हैं। इस अद्वितीय परंपरा के पीछे ना केवल धार्मिक भावनाएं जुड़ी हैं बल्कि यह स्थान आयुर्वेदिक स्वास्थ्य लाभों का भी भंडार है।

आस्था और परंपरा का संगम

यमुनोत्री धाम के मुख्य मंदिर के पास ही स्थित है सूर्य कुंड जहां से गर्म जलधारा निकलती है। इस जलधारा में इतनी गर्मी होती है कि उसमें चावल कुछ ही मिनटों में पक जाते हैं। श्रद्धालु अपने घर से लाए हुए चावल को एक कपड़े की पोटली में बांधकर कुंड में डालते हैं और जब वह पक जाता है तो उसे प्रसाद के रूप में अपने घर ले जाते हैं। यह परंपरा श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है और हर यात्री के लिए एक अनूठा अनुभव होता है।

गर्मकुंड में स्नान: शरीर और आत्मा दोनों के लिए राहत

सूर्य कुंड से निकली गर्म जलधारा को दो गर्मकुंडों में प्रवाहित किया गया है जहां श्रद्धालु स्नान करते हैं। यमुनोत्री धाम तक पहुंचने के लिए लगभग पांच किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है। ऐसे में जब यात्री इन कुंडों में स्नान करते हैं तो उनकी सारी थकान मिट जाती है। यह अनुभव शारीरिक राहत के साथ-साथ मानसिक सुकून भी देता है।

धार्मिक दृष्टिकोण से धार्मिक विद्वान सुरेश उनियाल बताते हैं कि सूर्य कुंड में स्नान करने से यम यातना से मुक्ति मिलती है और स्कंद पुराण में भी इसका उल्लेख किया गया है।

आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी डॉ. बिरेन्द्र चंद के अनुसार सूर्य कुंड के गर्म पानी में सोडियम जैसे खनिज पाए जाते हैं जो त्वचा रोगों के लिए लाभकारी हैं। जिन लोगों को पुराने स्किन प्रॉब्लम्स होते हैं उनके लिए यह स्नान एक प्राकृतिक उपचार की तरह काम करता है।

तीर्थ और चिकित्सा का संगम

यमुनोत्री धाम का यह क्षेत्र एक ऐसी जगह है जहां भक्ति परंपरा और चिकित्सा विज्ञान का अद्भुत मेल देखने को मिलता है। जहां एक ओर लोग तीर्थ पुरोहितों से पूजा कर अपने मन को शांत करते हैं वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक गर्म जलकुंडों में स्नान कर अपने शरीर को भी स्वस्थ बनाते हैं।

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