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अल्मोड़ा की एक साधारण छात्रा से लेकर एक प्रेरणास्पद आईपीएस अधिकारी बनने तक का तृप्ति भट्ट का सफर, उन तमाम युवाओं के लिए उम्मीद की किरण है जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों का पीछा नहीं छोड़ते। आज वह न केवल प्रशासनिक सेवा में मिसाल बन चुकी हैं, बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से देशभर के छात्रों को पढ़ाई और करियर को लेकर दिशा भी दे रही हैं।
शुरुआत एक छोटे शहर से, सोच थी बड़ी
तृप्ति भट्ट की स्कूली शिक्षा अल्मोड़ा के बियरशीबा स्कूल और केंद्रीय विद्यालय से हुई। इसके बाद उन्होंने पंतनगर यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। तकनीकी क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाएं होने के बावजूद, उन्होंने प्रशासनिक सेवा को अपना लक्ष्य चुना।
सरकारी और निजी क्षेत्रों से ऑफर, लेकिन नजर थी UPSC पर
इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद तृप्ति को ISRO और मारुति जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से नौकरी के प्रस्ताव मिले थे। इसके साथ-साथ उन्होंने एनटीपीसी में सहायक प्रबंधक के रूप में भी काम किया। लेकिन उनका सपना था समाज की सेवा करना — इसीलिए उन्होंने नौकरी के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा पास कर ली। 2013 बैच की यह अधिकारी ऑल इंडिया में 165वीं रैंक लाकर चर्चा में आ गईं।
पढ़ाई का अपना तरीका होता है, दबाव नहीं प्रेरणा दें
तृप्ति मानती हैं कि तैयारी में घंटों की गिनती से ज्यादा ज़रूरी है पढ़ाई की गुणवत्ता और निरंतरता। उन्होंने बताया कि वो आम दिनों में 4 घंटे और छुट्टियों में 7-8 घंटे तक पढ़ाई करती थीं। उनका मानना है कि हर छात्र की अपनी अलग क्षमता होती है, और अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों पर अनावश्यक दबाव न डालें। जितना बच्चा समझ सके, उसी अनुरूप उसे मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए।
अब सोशल मीडिया बनी उनके अनुभवों की पाठशाला
आईपीएस तृप्ति भट्ट ने अपने फेसबुक पेज 'Tripti Bhatt IPS' के जरिए विद्यार्थियों को पढ़ाई से जुड़े टिप्स और मोटिवेशनल वीडियो के माध्यम से मार्गदर्शन देना शुरू किया है। छोटे-छोटे वीडियो में वे यह बताती हैं कि कैसे सीमित संसाधनों के बावजूद तैयारी को प्रभावी बनाया जा सकता है और मानसिक संतुलन बनाए रखा जा सकता है।
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