Up Kiran, Digital Desk: कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जाने वाले पहले टेस्ट मैच को लेकर क्रिकेट प्रेमियों के बीच हलचल मची हुई है। इस बार, यह मैदान छह साल बाद टेस्ट मैच की मेज़बानी कर रहा है। आखिरी बार 2019 में भारत और बांग्लादेश के बीच गुलाबी गेंद टेस्ट खेला गया था।
क्या खास है इस पिच में?
ईएसपीएन क्रिकइन्फो की रिपोर्ट के अनुसार, इस पिच पर अच्छी उछाल होने की उम्मीद जताई जा रही है, और तीसरे दिन तक पिच के धीमे होने की संभावना है। साथ ही, बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा है कि भारतीय टीम ने कोई विशेष स्पिन-सहायक पिच की मांग नहीं की है। इसका मतलब है कि यह मैदान बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
क्यूरेटर का बयान:
पिच क्यूरेटर सुजान मुखर्जी ने भी इस बारे में अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि पहले दिन पिच स्पिनरों को ज्यादा मदद नहीं देगी, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ेगा, स्पिनरों को भी मदद मिलने की संभावना है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पिच पर बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए सहायता होनी चाहिए, जिससे मैच और दिलचस्प हो।
पहली बार के बाद 6 साल में टेस्ट मैच:
ईडन गार्डन्स में 6 साल बाद टेस्ट क्रिकेट वापसी कर रहा है। रणजी ट्रॉफी के दौरान इस पिच पर दो मैच खेले गए थे, जिनमें टर्निंग पिचें देखने को मिलीं, हालांकि बहुत अधिक टर्न नहीं था। इस बार का टेस्ट मैच निश्चित तौर पर अधिक रोमांचक हो सकता है, क्योंकि पिच पर पहले दिन बल्लेबाजों को और बाद में गेंदबाजों को चुनौती मिलने की संभावना है।
भारत और दक्षिण अफ्रीका के लिए अहम टेस्ट:
यह टेस्ट मैच भारत और दक्षिण अफ्रीका के लिए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का अहम हिस्सा है। भारत इंग्लैंड के खिलाफ ड्रॉ होने के बाद हाल ही में वेस्टइंडीज को 2-0 से हराकर आ रहा है, जबकि दक्षिण अफ्रीका की यह प्रतियोगिता में दूसरी सीरीज है। दोनों टीमों के लिए यह सीरीज WTC में अंक जुटाने के लिए महत्वपूर्ण है।
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