Up Kiran, Digital Desk: जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद के प्रति अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति को जारी रखते हुए एक और महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सुरक्षा कारणों से लश्कर-ए-तैयबा (LeT), हिजबुल मुजाहिदीन (HM) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से कथित संबंधों के आरोप में तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(c) के तहत की गई है, जो राज्य की सुरक्षा के हित में बिना जांच के किसी कर्मचारी को बर्खास्त करने की अनुमति देता है।
राज भवन से मिली जानकारी के अनुसार, ये तीनों कर्मचारी आतंकी संगठनों के लिए परोक्ष रूप से काम कर रहे थे और केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे थे। उनके खिलाफ विशिष्ट और पुख्ता सबूत थे। इस कार्रवाई के बाद, पिछले कुछ समय में जम्मू और कश्मीर में आतंकी लिंक या अलगाववादी गतिविधियों में शामिल पाए गए सरकारी कर्मचारियों की कुल संख्या बढ़ गई है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 27 मई को भी, उपराज्यपाल प्रशासन ने आतंकी संगठनों से लिंक पाए जाने के बाद दो सरकारी कर्मचारियों को अनुच्छेद 311 (2)(c) का इस्तेमाल करके बर्खास्त किया था। इस प्रकार, एक सप्ताह से भी कम समय में कुल पांच सरकारी कर्मचारियों को देशद्रोही और आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण सेवा से मुक्त किया गया है।
यह लगातार हो रही कार्रवाई दिखाती है कि सरकार जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और उसके पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। आतंकी संगठनों के लिए काम करने वाले या उनका समर्थन करने वाले सरकारी कर्मचारियों की पहचान कर उन पर कार्रवाई करना इस रणनीति का एक अहम हिस्सा है, ताकि प्रशासन के भीतर किसी भी तरह की राष्ट्र-विरोधी घुसपैठ को खत्म किया जा सके और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
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