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Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तान के सिंध प्रांत के टांडो जाम कस्बे में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने हिंदू समुदाय को झकझोर दिया है। 100 साल पुराना एक शिव मंदिर, जो सदियों से श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र रहा है, अब विवादों का शिकार हो गया है। इस ऐतिहासिक मंदिर पर अवैध कब्जे का आरोप लगा है और इसके आसपास अवैध निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला
सिंध प्रांत के टांडो जाम कस्बे के मूसा खटियन गांव में स्थित इस शिव मंदिर पर जबरन कब्जा करने के आरोप सामने आए हैं। हिंदू समुदाय के एक प्रतिनिधि संगठन 'दरावर इत्तेहाद पाकिस्तान' के प्रमुख शिव काच्छी ने इस मामले को सार्वजनिक किया। काच्छी के अनुसार, मंदिर के चारों ओर लगभग चार एकड़ जमीन पर अवैध निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है और मंदिर के मुख्य मार्ग और प्रवेश को भी अवरुद्ध कर दिया गया है।

काच्छी ने इस घटनाक्रम के बारे में सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने बताया कि मंदिर का संचालन एक समिति के अधीन था और मंदिर के आस-पास की भूमि की देखरेख भी उन्हीं के जिम्मे थी। मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है और पिछले साल सिंध विरासत विभाग ने इसका जीर्णोद्धार भी किया था।

मंदिर की अहमियत

यह शिव मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि क्षेत्र के इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा भी है। प्रत्येक सोमवार को श्रद्धालु यहां भजन-कीर्तन करने आते हैं और पास में ही समुदाय के अंतिम संस्कार के लिए एक शमशान भी स्थित है। ऐसे में मंदिर की सुरक्षा और इसके आसपास की भूमि की अहमियत और बढ़ जाती है।

क्या है भू-माफिया की भूमिका

शिव काच्छी ने बताया कि मंदिर के आसपास की भूमि पर भू-माफिया ने कब्जा कर लिया है और वहां निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से आग्रह किया कि इस अवैध कब्जे को तुरंत रोका जाए और मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

सिंध में हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले काच्छी ने यह भी बताया कि पाकिस्तान में कई ऐतिहासिक हिंदू मंदिर हैं, जिनकी सुरक्षा और संरक्षण सरकार का कर्तव्य है। मगर इस तरह की घटनाएं हिंदू समुदाय के लिए चिंता का कारण बन गई हैं।

पाकिस्तान में हिंदू समुदाय की स्थिति

पाकिस्तान में हिंदू समुदाय की आबादी अब एक फीसदी से भी कम रह गई है और इनमें से अधिकांश लोग सिंध प्रांत में बसे हुए हैं। ऐतिहासिक रूप से भी सिंध प्रांत में हिंदू समुदाय का प्रमुख स्थान रहा है। मगर वर्तमान समय में, इन मंदिरों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन गई है।

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