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Up Kiran, Digital Desk: पूर्वी नेपाल में भारी बारिश से बड़ी तबाही हुई है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने भूस्खलन और बाढ़ जैसी गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है। सशस्त्र पुलिस बल और अन्य आपदा प्राधिकरण बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। अभी भी कई लोग लापता हैं और खोज जारी है।
इलम जिला इस बारिश से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। कोशी प्रांत के इस क्षेत्र में 37 लोगों की जान गई है। इलम के कई नगर पालिकाओं जैसे देउमई, मैजोगमई और इलम नगरपालिका में भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा उदयपुर, पंचथर, रौतहट और खोतांग जिलों में भी मौतें हुई हैं। बिजली गिरने और सड़क दुर्घटनाओं के कारण यहां कई लोगों की जान गई।
रसुवा जिले के लांगटांग संरक्षण क्षेत्र में उफनती नदियों ने चार लोगों को बहा लिया है। इसके साथ ही इलम, बारा और काठमांडू जिलों में भी कई लोग अभी लापता हैं। लांगटांग में ट्रैकिंग पर निकले 16 लोगों में से चार का कोई पता नहीं चला है।
नेपाल सेना, पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल सक्रिय होकर बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। इलम जिले से चार बचे हुए लोगों को एयरलिफ्ट करके अस्पताल पहुंचाया गया है। मौसम अभी भी अनिश्चित है, और कोशी, मधेशी, बागमती, गंडकी और लुम्बिनी प्रांतों में मानसून सक्रिय है। इससे स्थिति और खराब हो रही है।
सुरक्षा के मद्देनजर काठमांडू में वाहनों की आवाजाही पर रोक लगी थी, लेकिन बाद में स्थिति में सुधार के साथ कुछ यातायात फिर से शुरू हो गया। त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी खराब मौसम के कारण घरेलू उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
इस संकट के बीच, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के लिए संवेदना व्यक्त की और मदद का भरोसा दिलाया। भारत ने आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए तत्परता जताई है।