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Avalanche Alert: यदि हम 2021 से अब तक देश में हुई हिमस्खलन की घटनाओं पर नजर डालें तो ऐसा लगता है कि इनमें से सबसे अधिक घटनाएं उत्तराखंड राज्य में हुई हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में भी ऐसी ही घटनाएं हुई थीं। इसमें सेना के जवान, विदेशी नागरिक और स्थानीय लोग मारे गए।

पिछली भयानक हिमस्खलन दुर्घटनाएं

7 फरवरी, 2021: उत्तराखंड में हिमस्खलन में 80 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लापता हो गए। ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना को नुकसान।
23 अप्रैल, 2021: उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा के पास हिमस्खलन में आठ लोगों की मौत हो गई। 380 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया।

6 फरवरी, 2022: अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा पर कामेंग में 14,000 फीट की ऊंचाई पर हिमस्खलन में सात भारतीय सैनिक मारे गए।

4 अक्टूबर 2022: उत्तराखंड में हिमस्खलन से 16 लोगों की मौत हो गई। इसमें पर्वतारोही भी शामिल थे।

1 फरवरी, 2023: जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में हिमकदा स्की रिसॉर्ट क्षेत्र में भूस्खलन होने से दो पोलिश नागरिकों की मौत हो गई और 21 लोगों को बचा लिया गया।

4 अप्रैल, 2023: सिक्किम में हिमस्खलन में सात लोगों की मौत हो गई।

22 फरवरी, 2024: जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में हिमस्खलन के कारण छह रूसी स्कीयर और उनके स्थानीय गाइड फंस गए। उनमें से एक रूसी नागरिक की मृत्यु हो गई। अन्य लोगों को बचा लिया गया।

2 मार्च, 2024: हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी में हिमस्खलन के बाद मलबे में फंसे 81 लोगों को बचाया गया।

28 फरवरी, 2025: उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव के पास हिमस्खलन हुआ। 57 मजदूर फंस गये। इनमें से 16 को बचा लिया गया, जबकि 41 लोगों की जान बचाने के लिए देर रात तक बचाव कार्य जारी रहा।

हिमस्खलन (Avalanche) की घटनाओं का तेज़ी से बढ़ना एक महत्वपूर्ण संकेत है और इसे केवल प्राकृतिक चेतावनी (Nature’s Alert) के रूप में नहीं देखा जा सकता बल्कि पहाड़ी इलाकों में निर्माण कार्य, सड़कें और सुरंगें बनाने से कुदरती संतुलन बिगड़ रहा है। 
 

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