
Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के दौरान, संघीय सरकार और स्थानीय अधिकारियों के बीच अक्सर टकराव देखने को मिलता था। ऐसा ही एक बड़ा टकराव लॉस एंजिल्स शहर के साथ भी था, जहाँ ट्रंप प्रशासन ने कानूनी लड़ाइयों को और तेज कर दिया था।
यह कानूनी तनातनी मुख्य रूप से विभिन्न नीतियों, जैसे आव्रजन, पर्यावरण नियम और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों को लेकर थी। ट्रंप प्रशासन का मानना था कि लॉस एंजिल्स की नीतियां संघीय कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं, जबकि लॉस एंजिल्स शहर अपने अधिकारों और स्वायत्तता का बचाव कर रहा था।
इन कानूनी लड़ाइयों ने न केवल संघीय और स्थानीय सरकारों के बीच शक्ति संतुलन पर सवाल उठाए, बल्कि देश में बढ़ती राजनीतिक ध्रुवीकरण को भी दर्शाया। लॉस एंजिल्स, एक बड़ा और उदारवादी शहर होने के नाते, अक्सर ट्रंप प्रशासन की रूढ़िवादी नीतियों के निशाने पर रहता था।
यह टकराव सिर्फ अदालती कार्यवाही तक सीमित नहीं था, बल्कि इसने संघीय सरकार और राज्यों/शहरों के बीच सहयोग के भविष्य पर भी सवालिया निशान लगाए। इसने दिखाया कि कैसे केंद्र और स्थानीय स्तर पर अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराएं देश के शासन और नागरिकों के जीवन को प्रभावित कर सकती हैं।
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