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Up Kiran, Digital Desk: 24 सितंबर को लेह में जो हिंसा भड़की, उसने पूरे देश का ध्यान खींच लिया। इस घटना में चार लोगों की जान चली गई। अब लद्दाख प्रशासन ने इस गंभीर मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराने का ऐलान किया है। जांच का मकसद है – हिंसा के कारणों की गहराई से पड़ताल करना, जिम्मेदार लोगों की पहचान करना और पुलिस की भूमिका की समीक्षा करना।
LAB युवाओं की मांग से फैला तनाव
लेह एपेक्स बॉडी (LAB) की युवा शाखा ने आंदोलन छेड़ा था। वे लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची का विस्तार चाहते थे। इसी मांग को लेकर सड़कों पर उतरे युवाओं और सुरक्षा बलों के बीच टकराव हुआ, जो देखते ही देखते हिंसा में बदल गया।
लोगों से साक्ष्य देने की अपील
प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे यदि घटना से जुड़ी कोई जानकारी, फोटो, वीडियो या बयान रखते हैं तो 4 से 18 अक्टूबर के बीच सामने आएं और जांच अधिकारी को सहयोग करें। मकसद है – पारदर्शी जांच और दोषियों को सज़ा दिलाना।
नोटिस में कहा गया कि जो भी व्यक्ति मौखिक या लिखित साक्ष्य देना चाहता है, वह दिए गए समय पर सामने आए। यह जांच निष्पक्ष हो, इसके लिए सबका सहयोग जरूरी है।
सोनम वांगचुक की पत्नी ने किया सरकार पर तीखा वार
पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर उनकी पत्नी गीतांजलि वांगचुक ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केंद्र पर लद्दाखी जनता को दबाने का आरोप लगाया।
गीतांजलि ने X (Twitter) पर लिखा कि 1857 में ब्रिटिश सरकार ने भारतीय सिपाहियों का इस्तेमाल भारतीयों को दबाने में किया। आज वही काम लद्दाख में हो रहा है। क्या यह आज़ादी है?
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय के जरिए लद्दाखी पुलिस का दुरुपयोग कर रही है और अपने ही लोगों पर अत्याचार करा रही है।