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Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में हाल ही में हुई दर्दनाक भगदड़, जिसमें 8 श्रद्धालुओं की जान चली गई और कई घायल हुए, के बाद मंदिर प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने मिलकर एक बड़े सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन सुधार की योजना बनाई है। यह कदम भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोकने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

क्या हैं नए सुरक्षा उपाय? इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से सबक लेते हुए, मनसा देवी मंदिर में अब कई अहम बदलाव किए जाएंगे:

एकतरफा आवागमन प्रणाली: मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए अब एकतरफा रास्ता (वन-वे ट्रैफिक) लागू किया जाएगा। इसका मतलब है कि श्रद्धालुओं को प्रवेश के लिए एक अलग रास्ता और निकास के लिए दूसरा अलग रास्ता इस्तेमाल करना होगा, जिससे भीड़ एक ही जगह पर जमा न हो।

प्रवेश सीमा (Entry Limits): मंदिर में एक बार में कितने श्रद्धालु प्रवेश कर सकते हैं, इसकी संख्या सीमित की जाएगी। यह कदम भीड़ को नियंत्रित करने और मंदिर परिसर के अंदर अत्यधिक दबाव को रोकने में मदद करेगा। विशेष अवसरों या त्यौहारों पर यह नियम और भी सख्ती से लागू किया जा सकता है।

सुरक्षा ऑडिट (Safety Audits): मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था का नियमित और गहन ऑडिट किया जाएगा। इसमें निकासी मार्गों, आपातकालीन सेवाओं और भीड़ नियंत्रण के बुनियादी ढांचे की जांच शामिल होगी ताकि किसी भी संभावित खतरे को पहले से पहचाना जा सके।

पुलिस जांच जारी: इस बीच, भगदड़ के कारणों और जिम्मेदारियों का पता लगाने के लिए पुलिस की विस्तृत जांच अभी भी जारी है। अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सुरक्षा का महत्व और उद्देश्य यह व्यापक सुधार योजना यह सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है कि मनसा देवी मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालु सुरक्षित महसूस करें। इस पहल का मुख्य उद्देश्य भीड़भाड़ वाली स्थितियों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना, आपातकालीन प्रतिक्रिया को मजबूत करना और भविष्य में ऐसी किसी भी मानवीय त्रासदी को पूरी तरह से रोकना है। अधिकारियों का मानना है कि इन उपायों से भक्तों के लिए दर्शन का अनुभव अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित हो जाएगा।

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