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Up Kiran, Digital News: राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत के लिए की गई नहर बंदी रविवार को समाप्त कर दी गई है, जिससे पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में फैले भीषण पेयजल संकट से राहत मिलने की उम्मीद जगी है। हरीके बैराज और पोंग डैम से राजस्थान के हिस्से का पानी रविवार सुबह से छोड़ दिया गया है, जो आने वाले दिनों में इलाके की जलापूर्ति व्यवस्था को सामान्य बनाने में मदद करेगा।
सरकारी फैसले के अनुसार, हरीके बैराज से 600 क्यूसेक और पोंग डैम से 6000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह पानी बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर और सीकर जिलों तक पहुंचेगा, जो पिछले कई हफ्तों से गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं।
अस्थायी राहत, किसानों के लिए अब भी इंतजार
हालांकि, यह राहत सिर्फ पीने के पानी के लिए है। किसानों को सिंचाई के लिए अभी और इंतजार करना होगा। कृषि विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि नहर के जरिये सिंचाई जल आपूर्ति को अभी बहाल करने की कोई तत्काल योजना नहीं है। सरकार की प्राथमिकता घरेलू जल आपूर्ति को स्थिर करना है, खासकर गर्मी के इस चरम समय में जब तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया है।
जल संकट पर काबू पाने की शुरुआत
बीकानेर जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेश राजपुरोहित ने बताया कि बीकानेर में अभी करीब 10 दिन का जल भंडार उपलब्ध है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नहर में नए पानी की आवक से जल वितरण व्यवस्था नियमित हो सकेगी। "यह एक बड़ा कदम है। इससे न सिर्फ पेयजल संकट में राहत मिलेगी, बल्कि जलापूर्ति का भविष्य भी सुरक्षित होगा," उन्होंने कहा।
जलदाय नीति: एक दिन छोड़कर एक दिन पानी
गौरतलब है कि नहर बंदी के दौरान अधिकांश क्षेत्रों में "एक दिन छोड़कर एक दिन पानी" देने की नीति अपनाई गई थी। इससे न केवल शहरी, बल्कि ग्रामीण आबादी भी बुरी तरह प्रभावित हुई। कई क्षेत्रों में पानी की लाइनें सूखी रहीं और टैंकरों के सहारे जलापूर्ति की गई।
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