Up Kiran, Digital Desk: लोकेश ने मंत्री को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के कार्यकाल (2014-2019) में अमरावती में विश्वस्तरीय खेल सुविधाएं - मल्टी-पर्पस स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम और स्विमिंग पूल - स्थापित किए गए थे। ये सुविधाएं किसी भी राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजन के लिए पर्याप्त थीं। दुर्भाग्य से, वर्तमान वाईएसआरसीपी सरकार की उपेक्षा के कारण ये सभी सुविधाएं अब धूल फांक रही हैं और बेकार पड़ी हैं। उनका रखरखाव भी ठीक से नहीं हो रहा है, जिससे उनकी गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है।
लोकेश का सपना: अमरावती को 'ग्लोबल स्पोर्ट्स हब' बनाना
नारा लोकेश का सपना है कि अमरावती को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने का एक प्रमुख केंद्र बनाया जाए। उन्होंने केंद्रीय खेल मंत्री से आग्रह किया कि केंद्र सरकार इन सुविधाओं को अपने नियंत्रण में ले या उनके विकास और रखरखाव के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करे। उनका मानना है कि अमरावती में एक 'स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी' स्थापित करने की भी अपार संभावनाएं हैं, जिससे खेल शिक्षा और प्रशिक्षण को एक नया आयाम मिल सके।
लोकेश ने जोर देकर कहा कि अमरावती में वैश्विक खेल केंद्र बनने की पूरी क्षमता है, जहाँ बड़े खेल आयोजन भी सफलतापूर्वक हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, मंत्री मांडविया ने लोकेश की बातों को ध्यान से सुना और इस दिशा में सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जिससे अमरावती के खेल भविष्य के लिए नई उम्मीदें जगी हैं।
युवा गालम से दिल्ली तक
गौरतलब है कि नारा लोकेश इस समय आंध्र प्रदेश में अपनी 'युवा गालम' पदयात्रा कर रहे हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य के युवाओं और उनके मुद्दों को उठाना है। अमरावती को खेल केंद्र बनाने की उनकी यह पहल भी इसी कड़ी का हिस्सा है, जो राज्य में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और युवाओं को बेहतर अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।
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