Up Kiran, Digital Desk: गुरुवार का दिन भारतीय शेयर बाज़ार के लिए किसी बुरे सपने जैसा साबित हुआ। बाज़ार खुलते ही बिकवाली का ऐसा तूफ़ान आया कि सेंसेक्स और निफ़्टी दोनों ही बुरी तरह धराशायी हो गए। इस भारी गिरावट के चलते निवेशकों को सिर्फ़ एक ही दिन में 5 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का भारी-भरकम नुकसान झेलना पड़ा है।
दिन के अंत में, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 577 अंक गिरकर 81,777 पर बंद हुआ, तो वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ़्टी भी 164 अंक लुढ़ककर 24,638 के स्तर पर आ गया। बाज़ार में इस हाहाकार के पीछे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक बयान और विदेशी निवेशकों की बेरुख़ी को सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है।
क्यों आई बाज़ार में इतनी बड़ी गिरावट?
ट्रंप का 'टैरिफ बम': इस सुनामी की सबसे बड़ी वजह डोनाल्ड ट्रंप का वो बयान है, जिसमें उन्होंने धमकी दी है कि अगर वे दोबारा चुनाव जीते, तो भारत से आने वाले सामानों पर 100% से भी ज़्यादा का टैरिफ (टैक्स) लगा देंगे। इस ख़बर ने बाज़ार में डर का माहौल पैदा कर दिया, क्योंकि अगर ऐसा होता है, तो भारत की उन कंपनियों को भारी नुकसान होगा जो अपना माल अमेरिका को बेचती हैं, ख़ासकर IT और ऑटो सेक्टर की कंपनियों को।
विदेशी निवेशकों ने फेरा मुँह: ट्रंप के बयान से पैदा हुई घबराहट का फ़ायदा उठाकर विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाज़ार से अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया। FIIs ने एक ही दिन में 1,867 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले। जब बाज़ार से विदेशी निवेशक पैसा निकालते हैं, तो इसे एक बहुत ही नकारात्मक संकेत माना जाता है और बाज़ार पर दबाव बढ़ जाता है।
दुनिया भर के बाज़ारों में कमजोरी: सिर्फ़ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे बड़े बाज़ारों का हाल भी कुछ अच्छा नहीं था। जापान, चीन और हॉन्ग-कॉन्ग के बाज़ार भी लाल निशान में थे, जिसका असर सीधे तौर पर भारतीय बाज़ार की धारणा पर भी पड़ा।
हर सेक्टर में बिकवाली: आज बाज़ार में चौतरफ़ा बिकवाली देखने को मिली। IT, ऑटो, métal और फ़ार्मा, लगभग सभी सेक्टर के शेयरों में भारी गिरावट आई। L&T, विप्रो, टेक महिंद्रा और इंफ़ोसिस जैसे बड़े शेयर सबसे ज़्यादा टूटने वाले शेयरों में शामिल थे।
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