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Up Kiran, Digital Desk: लखनऊ मेट्रो का दूसरा चरण अब तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) ने संकेत दिए हैं कि नया चरण पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा। उम्मीद है कि जनवरी या फरवरी 2026 में निर्माण कार्य की शुरुआत हो जाएगी।
दूसरे चरण में पुराने लखनऊ की घनी गलियों से होते हुए मेट्रो लाइन निकलेगी, जहां यातायात और आबादी दोनों बड़ी चुनौती हैं। इसीलिए परियोजना के लिए एक खास रणनीति तैयार की जा रही है ताकि यातायात प्रभावित न हो और निर्माण भी समय पर पूरा हो।
चारबाग से बसंत कुंज तक नया कॉरिडोर
यह नया कॉरिडोर चारबाग से बसंत कुंज तक फैला होगा और इसकी लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी। इसमें 7 स्टेशन भूमिगत होंगे और 5 स्टेशन एलिवेटेड यानी ऊपर की ओर बनाए जाएँगे।
UPMRC ने पहले ही हवाई सर्वे और मृदा परीक्षण का काम पूरा कर लिया है। अब रूट प्लानिंग के साथ-साथ सुरक्षा के लिए भी खास योजना बनाई जा रही है।
12 नए स्टेशन, पुराने शहर को मिलेगा नया जीवन
नया रूट पुराने लखनऊ को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ देगा। यहाँ स्टेशन होंगे:
चारबाग (भूमिगत)
गौतम बुद्ध नगर (भूमिगत)
अमीनाबाद (भूमिगत)
पांडेयगंज (भूमिगत)
सिटी रेलवे स्टेशन (भूमिगत)
मेडिकल चौराहा (भूमिगत)
चौक (भूमिगत)
ठाकुरगंज (एलिवेटेड)
बालागंज (एलिवेटेड)
सरफराजगंज (एलिवेटेड)
मूसा बाग (एलिवेटेड)
बसंत कुंज (एलिवेटेड)
इन स्टेशनों के बनने से लोगों को भीड़भाड़ से राहत मिलेगी और यात्रा समय भी घटेगा।
शहर की बस सेवा चरमराई, मेट्रो से उम्मीदें
वर्तमान में लखनऊ में केवल 140 सिटी बसें चल रही हैं जबकि ज़रूरत 1000 बसों की है। कुल 30 रूट में से केवल 18 ही सक्रिय हैं। ऐसे में मेट्रो का दूसरा चरण शहर के लिए बड़ी राहत बनकर आ सकता है।