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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश सरकार की ग्रामीण विकास राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि मनरेगा श्रमिकों की रोज़ाना मजदूरी 252 रुपये निर्धारित है और चूंकि यह निर्धारण केंद्रीय सरकार द्वारा होता है, इसलिए इसमें राज्य सरकार से बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं की जा सकती। गौतम ने बताया कि अब मजदूरों को भुगतान 15 दिन के बजाय सात दिन में ही कर दिया जाएगा।

उन्होंने मनरेगा के स्थान पर आने वाले '''विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (वीबी-जी राम जी) अधिनियम'' को विकास में सहायक और प्रभावी बताते हुए दावा किया कि अब श्रमिकों के कार्य दिवस को 100 से बढ़ाकर 125 दिन की गारंटी दी गई है और इसे विकसित भारत से जोड़ा जाएगा।

विपक्ष ने उठाया सवाल तो सरकार ने दिया जवाब
विधानसभा शीतकालीन सत्र के प्रश्नकाल में समाजवादी पार्टी (सपा) सदस्य अनिल प्रधान के सवाल का उत्तर देते हुए राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने बताया कि मनरेगा के श्रमिकों को प्रतिदिन 252 रुपये मजदूरी मिलती है। 

आगे उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत उत्तर प्रदेश में मनरेगा श्रमिकों की दर 252 रुपये तय की गई है। बढ़ती महंगाई को देखते हुए, प्रधान के सवाल पर कि क्या मनरेगा मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 700 रुपये और वार्षिक कार्य दिवस 300 दिन किए जाएंगे, गौतम ने बताया कि इन मुद्दों का निर्धारण केंद्रीय सरकार ही करती है, इसलिए राज्य सरकार से इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया जा सकता।

दो सौ करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश में श्रमिकों का बकाया है
इससे पहले पूरक प्रश्न में अनिल प्रधान ने कहा कि मनरेगा योजना कमजोर वर्ग को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक है। उन्होंने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर एक नया रूप दिया, और पहले जहां केंद्र सरकार 100 प्रतिशत भुगतान करती थी, अब नए नियमों के तहत यह व्यवस्था बदल गई है। 

सपा सदस्य ने विधानसभा में दावा किया कि उत्तर प्रदेश में श्रमिकों का दो सौ करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने कहा कि इतनी महंगाई में उनका जीवन कैसे चलेगा, यह गंभीर समस्या है। उन्होंने सवाल किया कि जब सरकार तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ने का दावा करती है तो भुगतान में इतना समय क्यों लगता है।

'सौ दिन से बढ़ाकर 125 दिन की गारंटी'
लक्ष्मी गौतम ने कहा कि अब श्रमिकों को 15 दिन के बजाए सात दिन में भुगतान किया जाएगा। उन्होंने मनरेगा योजना का नाम बदलने पर पूर्व कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2009 से पहले यह नरेगा था, और जब चुनाव का समय आया तो इसमें महात्मा गांधी का नाम जोड़कर इसे मनरेगा बना दिया गया। उन्होंने मनरेगा के स्थान पर आने वाले "विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (वीबी-जी राम जी)" अधिनियम को विकास में सहायक बताते हुए यह भी दावा किया कि अब श्रमिकों का कार्य दिवस 100 से बढ़ाकर 125 दिन करने की गारंटी दी गई है और इसे विकसित भारत से जोड़ा जाएगा।