Up Kiran, Digital Desk: एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने पूरी दुनिया की खुफिया एजेंसियों को हैरान कर दिया है. अमेरिका और इजरायल के अधिकारियों ने दावा किया है कि मेक्सिको में ईरान एक बहुत बड़ी और खतरनाक साजिश को अंजाम देने की फिराक में था. यह साजिश थी मेक्सिको में इजरायल की राजदूत, आइनाट क्रांज़ नाइगर, की हत्या करने की.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, इस पूरे प्लान को मेक्सिको के सुरक्षाबलों ने अमेरिका और इजरायल की खुफिया एजेंसियों की मदद से नाकाम कर दिया.अगर यह साजिश कामयाब हो जाती तो यह एक अंतरराष्ट्रीय घटना बन सकती थी, जिसके बेहद गंभीर परिणाम होते.
कैसे रची गई यह खतरनाक साजिश?
अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों के अनुसार, इस हत्या की योजना पिछले साल (2024) के अंत में बननी शुरू हुई थी और इस साल के मध्य तक इसे अंजाम देने की तैयारी थी. इस साजिश के तार ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की खतरनाक 'कुद्स फोर्स' से जोड़े जा रहे हैं.
कौन था मास्टरमाइंड?: खुफिया दस्तावेजों के मुताबिक, इस साजिश को हसन इजादी नाम के एक आईआरजीसी अधिकारी ने शुरू किया था. बताया जा रहा है कि हसन ने इस पूरे प्लान को वेनेजुएला में मौजूद ईरानी दूतावास से ऑपरेट किया, जहाँ वह राजदूत के सहयोगी के तौर पर काम कर रहा था.
कैसे करना था हमला?: हालांकि, इस साजिश को कैसे नाकाम किया गया या हमला किस तरह से होना था, इस बारे में अधिकारियों ने ज्यादा जानकारी नहीं दी है. लेकिन यह साफ है कि यह एक बड़ा और सुनियोजित हमला था.
अमेरिका और इजरायल ने मेक्सिको को कहा 'शुक्रिया'
इस साजिश के नाकाम होने के बाद इजरायल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर मेक्सिको की सुरक्षा और कानून प्रवर्तन सेवाओं को धन्यवाद दिया.बयान में कहा गया, "हम मेक्सिको की सुरक्षा एजेंसियों का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने ईरान द्वारा निर्देशित एक आतंकवादी नेटवर्क को नाकाम कर दिया, जो हमारे राजदूत पर हमला करना चाहता था.
एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, अब खतरा टल गया है. यह घटना ईरान द्वारा दुनिया भर में राजनयिकों, पत्रकारों और अपने आलोचकों को निशाना बनाने की लंबी में एक और कड़ी है, जो हर उस देश के लिए चिंता की बात होनी चाहिए जहाँ ईरान की मौजूदगी है.
मेक्सिको और ईरान ने क्या कहा?
दिलचस्प बात यह है कि जब शुरुआत में इस बारे में पूछा गया, तो मेक्सिको के अधिकारियों ने ऐसी किसी भी साजिश की जानकारी होने से इनकार कर दिया था. वहीं, ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया है.
यह घटना बताती है कि ईरान और इजरायल के बीच का तनाव अब मध्य पूर्व से निकलकर लैटिन अमेरिका जैसे दूर-दराज के इलाकों तक पहुंच गया है. अमेरिका और इजरायल का मानना है कि ईरान लैटिन अमेरिका में अपना एक बड़ा खुफिया नेटवर्क चला रहा है, जिसका केंद्र वेनेजुएला है.
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